जल जीवन मिशन : मिजोरम अव्वल, असम सबसे पीछे
DASTAKTIMES|January 2024
केंद्र सरकार के जलशक्ति विभाग के आंकड़ों के अनुसार पूरे भारतवर्ष के ग्रामीण इलाकों के कुल 19,25,02,970 घरों में एफएचटीसी लगवाने का काम तेज गति से बढ़ रहा है। वर्ष 2019 के 15 अगस्त तक पूरे देश में सिर्फ 3,23,62,838 घरों तक ही यह योजना लागू हुई थी। यानी, केवल 16.81 फीसदी ही काम आगे बढ़ा हुआ था लेकिन अब तक राष्ट्रीय औसत दर 72.23 प्लस फीसदी तक पहुंच गया है। ताजा आंकड़ा 13,90,48, 534 प्लस हो गया है।
संजीव कलिता
जल जीवन मिशन : मिजोरम अव्वल, असम सबसे पीछे

पूर्वोत्तर राज्यों में जल जीवन मिशन (जेजेएम) को लागू करने का काम तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। हर घर नल से जल पहुंचाने की केंद्र सरकार की इस अति महत्वपूर्ण योजना को सौ फीसदी लागू करने की जद्दोजहद असम सहित पड़ोसी राज्यों में इन दिनों देखी जा रही है। हालांकि, मिजोरम (98.33 प्लस फीसदी), अरुणाचल प्रदेश (97.78 प्लस फीसदी), सिक्किम (88.54 प्लस फीसदी), नागालैंड (82.82 प्लस फीसदी), मणिपुर (77.73 प्लस फीसदी), त्रिपुरा (75.22 प्लस फीसदी) और मेघालय (72.80 प्लस फीसदी) ने राष्ट्रीय औसत को पार करते हुए नए कीर्तिमान हासिल करने के बाद सौ फीसदी के लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं। इन सभी राज्यों की तुलना में असम जेजेएम लागू करने के मामले में भले ही पीछे है लेकिन हकीकत यह है कि पूर्वोत्तर के सभी अन्य राज्यों की तुलना में असम में जेजेएम के चयनित लाभार्थियों की संख्या कहीं अधिक है।

मालूम हो कि इस केंद्रीय योजना का मुख्य उद्देश्य वर्ष 2024 तक ग्रामीण भारत के सभी घरों में व्यक्तिगत घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराने की है। देश के हर घर में नल के जरिए स्वस्थ्य पेयजल उपलब्ध करवाने की केंद्र सरकार की यह योजना पूर्वोत्तर राज्यों में जनांदोलन का रूप ले चुका है। जल जीवन मिशन- हर घर जल के तहत फंक्शनल हाउसहोल्ड टैप कनेक्शन (एफएचटीसी) के जरिए देश के ग्रामीण घरों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के इस लक्ष्य की ओर पूर्वोत्तर सहित देश के अधिकांश राज्य अपेक्षित लक्ष्य की रोज बढ़ रहे हैं। सौ फीसदी पूरा कर चुके नौ राज्यों में गोवा, अंडमान एवं निकोबर द्वीप समूह, दादर व नगर हवेली और डिऊ एवं दमन, हरियाणा, तेलंगाना, पुडुचेरी, गुजरात, पंजाब और हिमाचल प्रदेश ने अपना नाम दर्ज करा लिया है।

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शीतकाल के छह महीने भगवान बदरी विशाल की पूजा चमोली जिले में स्थित योग-ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर व नृसिंह मंदिर जोशीमठ, बाबा केदार की पूजा रुद्रप्रयाग जिले में स्थित ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ और मां गंगा व देवी यमुना की पूजा क्रमशः उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगा मंदिर मुखवा (मुखीमट) और यमुना मंदिर खरसाली (खुशीमठ) में होती है।

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कैसे अमेरिकी जासूसों की चीफ बनी - प्रिंसेज ऑफ द आरएसएस
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बहुत जल्द अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया एजेंसियों की कमान नवनियुक्त निदेशक तुलसी गबाई के हाथ में होगी। अमेरिका की पहली हिंदू सांसद तुलसी का आरएसएस और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पुराना रिश्ता रहा है। संघ परिवार से जुड़े भारतीय मूल के अमेरिकी हिंदू नागरिक उनके लिए हर चुनाव में लाखों डालर का चंदा जुटाते हैं। आरएसएस के इसी दुलार के कारण अमेरिका में तुलसी 'प्रिंसेज ऑफ द आरएसएस' के नाम से चर्चित हैं। पहले तुलसी का डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़ना फिर अचानक डोनाल्ड ट्रम्प को समर्थन देना और फिर रिपब्लिकन पार्टी का दामन थामकर इस मुकाम तक पहुंचना हॉलीबुड के किसी हाई प्रोफाइल पॉलिटिकल ड्रामे से कम नहीं। भारतीय मामलों में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की बेवजह 'अति सक्रिय' होने के बाद अचानक खुफिया एजेंसियों की कमान तुलसी गबार्ड को दिए जाने को भारत के कूटनीतिक दांव के रूप में देखा जा रहा है।

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प्रदूषण से सांसत में जान
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