ब्रिक्स विकासशील देशों का मंच या एंटी वेस्टर्न ब्लॉक
DASTAKTIMES|November 2024
भारत इस ब्लॉक में सबसे सकारात्मक रवैए को लेकर चलता है लेकिन रूस और चीन के अपने हित, चिंताएं और उसके अनुरूप डिप्लोमेसी है। ब्रिक्स के वर्तमान सदस्य देशों और अन्य नए बनने वाले सदस्यों में से कई ऐसे हैं जो अमेरिका के नेतृत्व वाले वेस्टर्न ब्लॉक, नाटो, यूरोपीय संघ की सामरिक आर्थिक नीतियों से नकारात्मक रूप से प्रभावित होते हैं। रूस और ईरान इसके विशेष उदाहरण हैं।
विवेक ओझा
ब्रिक्स विकासशील देशों का मंच या एंटी वेस्टर्न ब्लॉक

रुस के कजान एक्सपो सेंटर में संपन्न हुआ ब्रिक्स समिट 2024 दुनिया की बड़ी छोटी ताकतों को स्पष्ट संदेश देने के साथ संपन्न हुआ। यह बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण थी क्योंकि इसमें एक तरफ रूस यूक्रे न युद्ध तो दूसरी तरफ इजरायल फिलिस्तीन गाजा लेबनान युद्ध पर ब्रिक्स के नजरअंदाज न किए जा सकने वाले सदस्य देशों के दृष्टिकोण और स्टैंड को दुनिया ने देखा। सबसे पहले रूस की बात करें तो पुतिन ने जिस गर्मजोशी से कहा कि दुनिया के 30 देश ब्रिक्स से जुड़ना चाहते हैं, उससे यह साफ संकेत मिलता है। कि रूस के मन में पश्चिमी ताकतों के खिलाफ एक निर्णायक बहुपक्षीय ब्लॉक को खड़ा करने की मंशा है जिसमें महत्वपूर्ण क्षेत्रीय ताकतें जैसे मिस्र, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, इथोपिया और भी कई अन्य को जोड़ा जाए जिससे जरूरत पड़ने पर पश्चिमी ताकतों को सामरिक, कूटनीतिक, आर्थिक आदि स्तरों पर चुनौती और जवाब दिया जा सके। इसी मकसद से ब्रिक्स ने डी डॉलराईजेशन (अमेरिकी मुद्रा डॉलर को प्रभावहीन करने) की मुहिम छेड़ते हुए कजान ब्रिक्स समिट में अपने सदस्य देशों से स्थानीय मुद्रा में आपसी कारोबार को बढ़ावा देने की बात की है। चीन ने तो अफ्रीका के कुछ देशों और यूएई के साथ डॉलर को छोड़कर अपनी लोकल करेंसी रेनमिनबी में द्विपक्षीय व्यापार करना शुरू भी कर दिया है।

Denne historien er fra November 2024-utgaven av DASTAKTIMES.

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परिश्रम से ही कामनाओं की प्राप्ति होगी
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ऋग्वेद में प्रत्यक्ष सांसारिक कर्तव्य पालन पर ढेर सारे मंत्र हैं। कृषि कर्म समृद्धिसूचक है। पशुपालन सहज व्यवसाय है। पूर्वजों को गायें प्रिय हैं। पूर्वज उनकी सेवा करते हैं। उन पर हिंसा को अपराध बताते हैं। ऋषि का अनुरोध है 'हे मित्रों! गायों, पशुओं के पानी पीने के बहुत स्थान बनाओ।' आर्य अश्व प्रिय भी हैं। घोड़े पालते हैं।

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छठी मइया आईं न दुअरिया
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छठ पर्व की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यह पूरे चार दिन तक जोश-खरोश के साथ निरंतर चलता है। पर्व के प्रारम्भिक चरण में प्रथम दिन व्रती स्नान करके सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं, जिसे 'नहाय खाय' कहा जाता है। वस्तुतः यह व्रत की तैयारी के लिए शरीर और मन के शुद्धिकरण की प्रक्रिया होती है। मान्यता है कि स्वच्छता का ख्याल न रखने से छठी मइया रुष्ट हो जाती हैं- प्रथम दिन सुबह सूर्य को जल देने के बाद ही कुछ खाया जाता है।

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November 2024
कोल्हान और संथाल तय करेगा झारखंड का सियासी भविष्य
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कोल्हान क्षेत्र की जनता इस बार कई बड़ी हस्तियों का सियासी भविष्य भी तय करेगी। पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन इसके सबसे बड़े नजीर होंगे। पूर्णिमा दास साहू की जमशेदपुर पूर्वी सीट से जीत-हार सीधे उड़ीसा के राज्यपाल रघुवर दास की राजनीति पर असर पड़ेगा। वहीं पोटका से पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा की लड़ाई दोनों की जमीनी पकड़ परखेगी। सबसे दिलचस्प नजारा जमशेदपुर पश्चिम में दिखेगा यहां सरयू राय और मंत्री बना गुप्ता मैदान में हैं।

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November 2024
क्या हरियाणा कांग्रेस विद्रोह के कगार पर खड़ी है!
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कांग्रेस हाई कमान के दोबारा हुड्डा को गद्दीनशीन करने के कदम से गैर जाट वर्ग और आक्रोशित हो गया तथा 2014 के विधानसभा चुनावों में, जो पुनः हुड्डा के ही नेतृत्व में लड़े गए थे, कांग्रेस को 15 सीटों तक समेट कर रख दिया। हाईकमान को अपनी गलती का आभास होने लगा तथा हाईकमान ने भजन लाल के राजनीतिक वारिस कुलदीप बिश्नोई को 2016 में दोबारा शामिल कर लिया ताकि नाराज गैर जाट वर्ग को अपने साथ जोड़ सके।

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November 2024
किसमें कितना दम
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राज्य की चार विधानसभा सीटों तरारी, बेलागंज, इमामगंज और रामगढ़ में उपचुनाव होगा। इनमें से तीन सीट पर महागठबंधन का कब्जा रहा है। यहां से विधायकों के लोकसभा चुनाव में जीतकर सांसद बनने के चलते यह सीटें खाली हुई हैं। इस तरह देखा जाए तो सबसे अधिक दांव महागठबंन का लगा है। महागठबंधन की ओर से तीन सीटों रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज से राजद, जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) तरारी से चुनाव लड़ रही है। एनडीए की ओर से दो पर भाजपा तो एक-एक पर जदयू और हम लड़ रहे हैं।

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November 2024