बिहार
यह बात पूरे भरोसे से कही जा सकती है कि भाजपा एक क्षण के लिए भी आराम करने वाली पार्टी नहीं है और वह य अपने विरोधियों को अक्सर चौंका देती है. महाराष्ट्र में विरोधी पार्टी के मुख्यमंत्री को कुर्सी से बेदखल करते वक्त भी उसकी नजरें दूसरे निशाने से जरा नहीं भटकीं. सीधे कहें तो बिहार में, जहां पार्टी अपने सहयोगी, कभी दोस्ताना और कभी तुनकमिजाज, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपने पाले में रखने के लिए तत्परता से जुटी है. यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 जुलाई को पटना में बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह में शामिल होकर उसके पटल पर, नीतीश कुमार के पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50 फीसद आरक्षण देने के ऐतिहासिक फैसले की जमकर तारीफ की.
इससे पहले जब भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा को एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में द्रौपदी मुर्मू के नाम का ऐलान करना था, मोदी ने नीतीश को फोन करके पक्का किया कि वे उनके नाम पर सहमत हैं. 8 जुलाई को जब मुख्यमंत्री कार्यालय ने पहली बार मंत्री (भूमि सुधार और राजस्व) बने भाजपा के राम सूरत राय की तरफ से जारी 149 अफसरों के तबादले के आदेश रद्द कर दिए और राय जोरशोर से तोहमतें मढ़ने लगे, तो उपमुख्यमंत्री तारा किशोर प्रसाद अपने साथी का मुंह बंद करने के लिए भागे-भागे उनके मुजफ्फरनगर स्थित घर गए.
भाजपा नीतीश को खुश रखने के लिए ह से आगे जाकर इतना अतिरिक्त जतन क्यों कर रही है? भाजपा के एक बड़े पदाधिकारी कहते हैं, "बात जाहिरा तौर पर सिर्फ राष्ट्रपति चुनाव की नहीं है. विकल्प हमारे सामने साफ है. भाजपा का मुख्यमंत्री बनाकर मुसीबत गले लगाने के बजाए नीतीश को अपनी तरफ रखकर 2024 में 2019 की कहानी दोहराना ज्यादा उचित और वास्तविक है." 2019 में एनडीए ने बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 39 जीती थीं- और 2020 के विधानसभा चुनाव में जनता दल (यूनाइटेड) के घटते वोट और सीट हिस्सेदारी के बावजूद 2024 के लिए भाजपा को नीतीश की चमक-दमक की जरूरत होगी.
गिनती में वापसी
Denne historien er fra July 27, 2022-utgaven av India Today Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra July 27, 2022-utgaven av India Today Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
मजबूत हाथों में भविष्य
भविष्य के बिजनेस लीडर्स को गढ़ने में बिजनेस स्कूलों की बेहद निर्णायक भूमिका है, ऐसा भविष्य जिसकी अगुआई टेक्नोलॉजी करेगी
कॉर्पोरेट के पारखी
आइआइएम कलकत्ता के छात्रों को महज बिजनेस दिग्गज बनने के लिए ही प्रशिक्षित नहीं किया जा रहा, वे पार्टनरशिप्स के जरिए राज्य की नौकरशाही को ऊर्जावान बनाने में भी मदद कर रहे
विरासत की बड़ी लड़ाई
बड़े दांव वाले शक्ति प्रदर्शन के लिए मैदान सज गया है, राजनैतिक दिग्गज और ताकतवर परिवार आदिवासी बहुल क्षेत्र पर कब्जे के लिए आ गए हैं आमने-सामने
कौन दमदार शिवसेना
महाराष्ट्र में किसका राज चलेगा, यह लोगों के वोट से तय होगा लेकिन साथ ही यह भी तय होगा कि कौन-सी शिवसेना असली है-ठाकरे की या शिंदे की
सीखने का सुखद माहौल
स्वास्थ्य प्रबंधन में एक नए पाठ्यक्रम से लेकर ब्लॉकचेन तकनीक पर केंद्रित कार्यक्रम तक, आइआइएम लखनऊ अपने नए ईकोसिस्टम के साथ अग्रणी भूमिका निभा रहा
ट्रंप की नजर में दुनिया
अमेरिका के लोगों ने दूसरी बार डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अपनी आस्था जताई है. ऐसे में भारत और बाकी दुनिया इस बात के लिए अपने को तैयार कर रही कि व्यापार और भू-राजनीतिक व्यवस्था के संदर्भ में 47वें राष्ट्रपति के अमेरिका-प्रथम के एजेंडे का आखिर क्या मायने होगा?
नवाचार की शानदार चमक
इस संस्थान में शिक्षा का मतलब ऐसे समाधान तैयार करना है जिनके केंद्र में देश की सामाजिक वास्तविकता मजबूती से जुड़ी हो
योगी बनाम अखिलेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अगस्त को आगरा में ताज महल पश्चिमी द्वार स्थित पुरानी मंडी चौराहे पर दुर्गादास राठौर मु की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे.
लैब कॉर्पोरेट लीडरशिप की
सख्त एकेडमिक अनुशासन, रिसर्च पर फोकस और विश्वस्तरीय गुणवत्ता के जरिए आइआइएम-के बिजनेस एजुकेशन की नई परिभाषा गढ़ रहा
सत्ता पर दबदबे की नई होड़
इन दिनों धुंध की मोटी चादर में लिपटी कश्मीर घाटी में छह साल के इंतजार के बाद नई उम्मीद जगी है. केंद्र शासित प्रदेश की नवनिर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की सरकार ने आते ही अपने इरादे साफ कर दिए - जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाना उनका पहला संकल्प है.