ढाई साल की देरी के बाद राज्य के 413 नगर निकायों के लिए हुए चुनाव के नतीजों ने ऐसा ही एहसास कराया. 16 नगर निगमों के लिए महापौर चुनने के लिए प्रत्यक्ष चुनाव हुए, जबकि 99 नगर पालिकाओं और 298 नगर परिषदों के अध्यक्षों का चुनाव बाद में पार्षदों की ओर से अप्रत्यक्ष चुनावों के माध्यम से किया जाएगा.
ये नतीजे भाजपा और कांग्रेस दोनों की प्रदेश में मौजूदा राजनीतिक जमीन का इशारा दे रहे हैं. साल 2014 के पिछले चुनाव में भाजपा ने 16 प्रतिष्ठित नगर निगमों पर कब्जा जमाया था जबकि इस बार वह केवल 9 जीतने में सफल रही. कांग्रेस जिसके कब्जे में पिछली बार एक भी नगर निगम नहीं था, उसने अपनी संख्या शून्य से बढ़ाकर पांच कर ली. ग्वालियर और जबलपुर में भाजपा की हार विशेष रूप से शर्मनाक मानी जा रही है क्योंकि कांग्रेस ने 57 साल के अंतराल के बाद यहां जीत हासिल की है. पार्टी के लिए ग्वालियर की हार इसलिए भी कहीं बड़ा झटका है क्योंकि दो-दो केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत भाजपा के कई बड़े नेता इस क्षेत्र से आते हैं और यह भाजपा का मजबूत गढ़ माना जाता रहा है. कांग्रेस ने लंबे समय के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के घरेलू मैदान छिंदवाड़ा में भी जीत हासिल की. पार्टी के विंध्य क्षेत्र का मुख्यालय रीवा भी जीता, जहां 2018 के विधानसभा चुनावों में उसे करारी हार का सामना करना पड़ा था. इसके अलावा बुरहानपुर और उज्जैन भी कांग्रेस की झोली में जाते-जाते रह गए. भाजपा ने ये दोनों निगम 1,000 से भी कम मतों के अंतर से जीते हैं.
Denne historien er fra August 03, 2022-utgaven av India Today Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra August 03, 2022-utgaven av India Today Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
एक जीवन बना संगीत
पांच दशक के अपने बहुआयामी म्यूजिकल करियर का जश्न मनाने के इरादे से पद्मश्री हरिहरन 30 नवंबर को दिल्ली में एक खास कंसर्ट आयोजित कर रहे
झटकों के बाद राह नहीं आसान
गौतम अदाणी समूह पर एक अमेरिकी अदालत ने सौर ऊर्जा करार में रिश्वत देने का आरोप लगाया और अमेरिकी बाजार नियामक एसईसी ने कारगुजारियों को छुपाने की तोहमत मढ़ी. इससे उनका कारोबारी साम्राज्य हिल उठा. आरोपों के जोरदार खंडन के बावजूद निवेशकों का भरोसा डगमगाने से समूह मुश्किल में
बिहारी मिट्टी से उपजेंगे मेडल?
राजगीर में महिला हॉकी की एशियन चैंपियंस ट्रॉफी के सफल आयोजन, खेल संरचनाओं के विकास और टैलेंट पूल को बढ़ाकर बिहार अब खेलों की दुनिया में छाने की तैयारी कर रहा. पर क्या उसे कामयाबी मिलेगी ?
दूर रेगिस्तान में जमीन, सियासत और चरागाह
राजस्थान के जैसलमेर में अदाणी की कंपनी को बिजली बनाने के लिए मिली भारी 'बंजर' जमीन. लेकिन ऐसी 'बंजर' जमीन को ओरण- गोचर जमीन घोषित कराने की मांग. प्रशासन - आंदोलनकारी आए आमने-सामने
बराबर की बाजी
केरल के दो गठबंधनों में मुकाबला बराबरी पर छूटा. भाजपा सबसे
कांग्रेस का जलवा कायम
मुख्यमंत्री सिद्धरामैया के भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरने के बावजूद मतदाताओं ने ग्रैंड ओल्ड पार्टी पर अपना भरोसा जताया
दबदबा बरकरार
पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में सभी आठ सीटों पर जीत दर्ज करके एनडीए ने अपने प्रभुत्व को कायम रखा
हर तरफ आप ही आप
आंतरिक परेशानियों के बावजूद सत्तासीन पार्टी मजबूत स्थिति में
उपचुनावों में ऊपर उठा शर्मा का ग्राफ
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शानदार जीत के साथ अपने आलोचकों को बोलती बंद की और अपनी स्थिति को मजबूत किया
नहीं, कोई और नहीं
साल 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले अहम जंग में एनडीए की जीत और राजद की हार