जी. डी. बिरला (1894-1988)
बिरला ग्रुप के पितृपुरुष
घनश्याम दास बिरला, या जीडी जैसा कि उन्हें अक्सर कहा जाता है, भारत के औद्योगिक विकास के वास्तुकारों में से एक थे. 5 अप्रैल, 1894 को जब जीडी का जन्म हुआ, तब तक उनके परिवार का कारोबार जम चुका था. बाद में एक युवा के तौर पर वे पारिवारिक व्यवसाय को बढ़ाकर उसमें मैन्युफैक्चरिंग शामिल करना चाहते थे. जीडी बंगाल प्रेसिडेंसी में कलकत्ता रवाना हो गए और वहां जूट दलाल के रूप में स्वतंत्र रूप से काम शुरू कर दिया. उन्होंने 1918 में बिरला जूट मिल्स की स्थापना की और 1919 में 50 लाख रुपए के निवेश के साथ बिरला ब्रदर्स लिमिटेड का गठन किया गया. उन्होंने कारों के क्षेत्र में कदम रखा और हिंदुस्तान मोटर्स की स्थापना की आजादी के बाद बिरला ने कई तत्कालीन यूरोपीय कंपनियों के अधिग्रहण के जरिए चाय और कपड़ा कारोबार में निवेश किया. उन्होंने सीमेंट, रसायन, रेयॉन और स्टील ट्यूब में भी विस्तार किया और विविधीकरण किया. उनके दिमाग में हमेशा कारोबार की बातें छाई रहती थीं लेकिन उनका दिल शुरू से ही महात्मा गांधी और देश की आजादी के आंदोलन में लगा रहता था.
जे. आर. डी. टाटा (1904-1993)
पूर्व चेयरमैन, टाटा संस
जेआरडी टाटा राष्ट्रवादी होने के साथ ही अंतरराष्ट्रीयवादी भी थे. जेआरडी ने एयर इंडिया और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के अलावा अपने ग्रुप को नए क्षेत्रों में आगे बढ़ाया, जिसमें टाटा मोटर्स, टाइटन इंडस्ट्रीज, टाटा टी और वोल्टास शामिल थे. जेआरडी ने 1988 में सेवानिवृत्त होने तक विरासत में मिले 14 उद्यमों से 95 कंपनियों का एक साम्राज्य खड़ा कर लिया. जब उन्होंने कार्यभार संभाला था तब टाटा ग्रुप का कारोबार 10 करोड़ डॉलर था, जिसे उन्होंने पांच अरब डॉलर से ऊपर पहुंचा दिया. एक ट्रस्टी के रूप में उनके मार्गदर्शन में सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट ने 1941 में बॉम्बे में एशिया का पहला कैंसर अस्पताल, टाटा मेमोरियल सेंटर की स्थापना की. जेआरडी ने कई अन्य संस्थानों के अलावा टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च और नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स की भी स्थापना की.
Denne historien er fra January 04, 2023-utgaven av India Today Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra January 04, 2023-utgaven av India Today Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
मजबूत हाथों में भविष्य
भविष्य के बिजनेस लीडर्स को गढ़ने में बिजनेस स्कूलों की बेहद निर्णायक भूमिका है, ऐसा भविष्य जिसकी अगुआई टेक्नोलॉजी करेगी
कॉर्पोरेट के पारखी
आइआइएम कलकत्ता के छात्रों को महज बिजनेस दिग्गज बनने के लिए ही प्रशिक्षित नहीं किया जा रहा, वे पार्टनरशिप्स के जरिए राज्य की नौकरशाही को ऊर्जावान बनाने में भी मदद कर रहे
विरासत की बड़ी लड़ाई
बड़े दांव वाले शक्ति प्रदर्शन के लिए मैदान सज गया है, राजनैतिक दिग्गज और ताकतवर परिवार आदिवासी बहुल क्षेत्र पर कब्जे के लिए आ गए हैं आमने-सामने
कौन दमदार शिवसेना
महाराष्ट्र में किसका राज चलेगा, यह लोगों के वोट से तय होगा लेकिन साथ ही यह भी तय होगा कि कौन-सी शिवसेना असली है-ठाकरे की या शिंदे की
सीखने का सुखद माहौल
स्वास्थ्य प्रबंधन में एक नए पाठ्यक्रम से लेकर ब्लॉकचेन तकनीक पर केंद्रित कार्यक्रम तक, आइआइएम लखनऊ अपने नए ईकोसिस्टम के साथ अग्रणी भूमिका निभा रहा
ट्रंप की नजर में दुनिया
अमेरिका के लोगों ने दूसरी बार डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अपनी आस्था जताई है. ऐसे में भारत और बाकी दुनिया इस बात के लिए अपने को तैयार कर रही कि व्यापार और भू-राजनीतिक व्यवस्था के संदर्भ में 47वें राष्ट्रपति के अमेरिका-प्रथम के एजेंडे का आखिर क्या मायने होगा?
नवाचार की शानदार चमक
इस संस्थान में शिक्षा का मतलब ऐसे समाधान तैयार करना है जिनके केंद्र में देश की सामाजिक वास्तविकता मजबूती से जुड़ी हो
योगी बनाम अखिलेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अगस्त को आगरा में ताज महल पश्चिमी द्वार स्थित पुरानी मंडी चौराहे पर दुर्गादास राठौर मु की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे.
लैब कॉर्पोरेट लीडरशिप की
सख्त एकेडमिक अनुशासन, रिसर्च पर फोकस और विश्वस्तरीय गुणवत्ता के जरिए आइआइएम-के बिजनेस एजुकेशन की नई परिभाषा गढ़ रहा
सत्ता पर दबदबे की नई होड़
इन दिनों धुंध की मोटी चादर में लिपटी कश्मीर घाटी में छह साल के इंतजार के बाद नई उम्मीद जगी है. केंद्र शासित प्रदेश की नवनिर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की सरकार ने आते ही अपने इरादे साफ कर दिए - जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाना उनका पहला संकल्प है.