सुबह के करीब 6.30 बजे हैं. मगर दो एकड़ के इस मैदान में अब भी अंधेरा है. यह जालंधर जिले में आदमपुर का काला बकरा गांव हैं. यहां कांग्रेस पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा का शिविर लगा है. ग्रामीणों की हलचल अभी शुरू नहीं हुई है, पर करीब सौ ट्रक कंटेनरों के जमावड़े के साथ सटे शिविर उजली रोशनी से जगमगा रहे हैं. यहां चहल-पहल अपने शिखर पर है. पार्टी का सेवा दल संगठन राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए आ जुटा है. इसके बाद वे राष्ट्रगान और फिर वंदे मातरम गाते हैं. फिर वे छोटे-छोटे जत्थों में बंटकर कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा सदस्य जयराम रमेश की अगुआई में जालंधरदसूआ हाइवे पर रवाना हो जाते हैं. आधे घंटे बाद पौ फटते ही 2 डिग्री सेल्सियस के कंपकंपाते जाड़े में महज आधी बांह की सफेद टी-शर्ट, हाइकिंग पैंट और स्नीकर पहने और चेहरे पर बढ़ी हुई दाढ़ी के साथ राहुल गांधी उसी रास्ते पर तेजी से रवाना हो जाते हैं. उनके पीछे 200 से ज्यादा यात्रियों का हुजूम है, जिनमें से कई हाथों में तिरंगा और कांग्रेस पार्टी का झंडा थामे हैं. पीछे-पीछे स्थानीय कांग्रेसजनों की तरफ से जुटाया गया कारों और ट्रकों का काफिला चल पड़ता है, जिससे बैनर लहराए जा रहे हैं और तेज आवाज में पंजाबी के लोकप्रिय गाने बज रहे हैं. सड़कों के दोनों ओर कतार से पैदल चलते राहुल के के कट-आउट लगे हैं और पोस्टर भी, जिनमें वे भगवा रंग की सिख पगड़ी बांधे हैं. यात्रियों की अगवानी में भागंड़ा भी किया जा रहा है.
राहुल की दूसरी यात्राएं
अप्रैल-जुलाई 2015: संकट से गुजरते किसानों के राहत अभियान के तहत अमरावती (महाराष्ट्र), आदिलाबाद (तेलंगाना) और अनंतपुर (आंध्र प्रदेश) में तीन किसान पदयात्राएं
जनवरी 2016: बुंदेलखंड के सूखा पीड़ित महोबा जिले में छह किलोमीटर की पदयात्रा में
सितंबर 2016: उस समय उतरने जा रहे उत्तर प्रदेश में 26 दिन की किसान महायात्रा की
Denne historien er fra February 01, 2023-utgaven av India Today Hindi.
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शब्द हैं तो सब है
शब्द और साहित्य की जादुई दुनिया का जश्न मनाते लेखक-राजनेता शशि थरूर अपने निबंधों की किताब के साथ हाजिर
अब बड़ी भूमिका के लिए बेताब
दूरदराज की मंचीय प्रतिभाओं को निखारने का बड़ा प्लेटफॉर्म बनकर उभरा एमपीएसडी. नई सोच वाले निदेशक के साथ अब वह एक नई राह पर. लेकिन क्या वह एनएसडी जैसा मुकाम बना पाएगा?
डिजिटल डकैतों पर सख्त कार्रवाई
नया-नवेला जिला डीग तेजी से देश में ऑनलाइन ठगी का केंद्र बनता जा रहा था. राज्य सरकार और पुलिस की निरंतर कार्रवाई की वजह से राजस्थान के इस नए जिले में पिछले छह महीने के दौरान साइबर अपराध की गतिविधियों में आई काफी कमी
सनसनीखेज सफलता
पल में मजाकिया, पल में खौफनाक. हिंदी सिनेमा में हॉरर कॉमेडी फिल्मों का आया नया जमाना. चौंकने-डरने को बेताब दर्शकों के कंधों पर सवार होकर भूतों ने धूमधाम से की बॉक्स ऑफिस पर वापसी
ममता के लिए मुश्किल घड़ी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार खिन्न और प्रदर्शन करते राज्य के लोगों का भरोसा के लिए अंधाधुंध कदम उठा रही है
ठोकने की यह कैसी नीति
सुल्तानपुर में जेवर की दुकान में डकैती के आरोपी मंगेश यादव को मुठभेड़ में मार डालने के बाद विपक्षी दलों के निशाने पर योगी सरकार. फर्जी मुठभेड़ एक बार फिर बनी मुद्दा
अग्निपरीक्षा की तेज आंच
अदाणी जांच में हितों के टकराव के आरोपों में घिरीं और अपने ही स्टाफ में उभरते विद्रोह से सेबी की मुखिया से ढेरों जवाब और खुलासों की दरकार
अराजकता के गर्त में वापसी
केंद्र और राज्य के निकम्मेपन से मणिपुर में नए सिरे से उठीं लपटें, अबकी बार नफरत की दरारें और गहरी तथा चौड़ी लगने लगीं, अमन बहाली की संभावनाएं असंभव-सी दिखने लगीं
अब आई मगरमच्छों की बारी
राजस्थान में 29 जुलाई, 2024 की दोपहर विधानसभा में राजस्थान लोकसेवा आयोग (आरपीएससी) परीक्षा में पेपर लीक को लेकर सियासत गरमाई हुई थी. प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने पेपर लीक के मामलों को लेकर भजनलाल शर्मा सरकार पर यह आरोप जड़ दिया कि अभी तक सरकार ने छोटी-छोटी मछलियां पकड़ी हैं, मगरमच्छ तो अभी भी खुले घूम रहे हैं. इस हमले का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा, \"आप बेफिक्र रहिए जल्द ही हम उन मगरमच्छों को भी पकड़ेंगे जो बाहर घूम रहे हैं.\"
नहरें: थीं तो बेशक ये पानी के ही लिए
सीवान शहर के पास जुड़कन गांव के कृष्ण कुमार अपने गांव में खुदी पतली-सी नहर की पुलिया पर बैठे मिले. ऐन नहर के किनारे उनका पंपसेट लगा था, जिससे वे अपने खेत की सिंचाई कर रहे थे. वे नहर के बारे में पूछते ही उखड़ गए और कहने लगे, \"50 साल पहले नहर की खुदाई हुई थी. हमारे बाप-दादा ने भी इसके लिए अपनी जमीन दी. हमारा दस कट्ठा जमीन इसमें गया. जमीन का पैसा मिल गया था. मगर इस नहर में एक बूंद पानी नहीं आया. सब जीरो हो गया, जीरो पानी आता तो क्या हमको पंपसेट में डीजल फूंकना पड़ता.\"