अमेरिका की इनवेस्टमेंट रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से इस अ सूम पर बाजार में जोड़-तोड़ और धन शोधन के आरोपों के बाद इसकी कंपनियों के शेयरों को जबरदस्त झटका लगा. इस प्रसंग के बाद भारतीय शेयर बाजार भी धड़ाम से नीचे आ गए. सेंसेक्स और निफ्टी में 27 जनवरी को क्रमश: 874.16 अंकों और 287.60 अंकों की गिरावट आई, जो सूचकांकों में बीते चार महीनों की सबसे बड़ी गिरावट थी. अदाणी ग्रुप की तरफ से हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का 417 पन्नों का खंडन जारी करने के बाद शेयर बाजार 30 जनवरी को थोड़ा पहले की स्थिति में लौट आए. महज तीन कारोबारी सत्रों में अदाणी ग्रुप का 29 फीसद बाजार पूंजीकरण या करीब 5.6 लाख करोड़ रुपए स्वाहा हो गए. ग्रुप के शेयरों में गिरावट 1 फरवरी को तब भी जारी रही जब वित्त मंत्री केंद्रीय बजट पेश कर रही थीं, और अकेले अदाणी एंटरप्राइजेज में 30 फीसद की गिरावट हो रही थी. यह मीडिया रिपोर्टों में आए उस दावे के बाद हुआ जिनमें कहा गया कि क्रेडिट सुइस ने प्राइवेट बैंकिंग ग्राहकों से अदाणी की कंपनियों के बाँडों को मार्जिन लोन के एवज में गिरवी रखने से मना कर दिया है. 1 फरवरी को फोर्ब्स की वास्तविक समय पर अमीरों की फेहरिस्त के मुताबिक, अदाणी दुनिया के तीसरे सबसे अमीर शख्स से लुढ़ककर 15वें पायदान पर आ गए, जिनकी कुल संपदा 75.1 अरब डॉलर (करीब 6.2 लाख करोड़ रु.) रह गई. अदाणी, मुकेश अंबानी से पीछे खिसक गए जिन्होंने 83.7 अरब डॉलर (करीब 6.86 लाख करोड़ रुपए) के साथ भारत के सबसे अमीर शख्स का तमगा फिर से हासिल कर लिया.
Denne historien er fra February 15, 2023-utgaven av India Today Hindi.
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शब्द हैं तो सब है
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार खिन्न और प्रदर्शन करते राज्य के लोगों का भरोसा के लिए अंधाधुंध कदम उठा रही है
ठोकने की यह कैसी नीति
सुल्तानपुर में जेवर की दुकान में डकैती के आरोपी मंगेश यादव को मुठभेड़ में मार डालने के बाद विपक्षी दलों के निशाने पर योगी सरकार. फर्जी मुठभेड़ एक बार फिर बनी मुद्दा
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अब आई मगरमच्छों की बारी
राजस्थान में 29 जुलाई, 2024 की दोपहर विधानसभा में राजस्थान लोकसेवा आयोग (आरपीएससी) परीक्षा में पेपर लीक को लेकर सियासत गरमाई हुई थी. प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने पेपर लीक के मामलों को लेकर भजनलाल शर्मा सरकार पर यह आरोप जड़ दिया कि अभी तक सरकार ने छोटी-छोटी मछलियां पकड़ी हैं, मगरमच्छ तो अभी भी खुले घूम रहे हैं. इस हमले का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा, \"आप बेफिक्र रहिए जल्द ही हम उन मगरमच्छों को भी पकड़ेंगे जो बाहर घूम रहे हैं.\"
नहरें: थीं तो बेशक ये पानी के ही लिए
सीवान शहर के पास जुड़कन गांव के कृष्ण कुमार अपने गांव में खुदी पतली-सी नहर की पुलिया पर बैठे मिले. ऐन नहर के किनारे उनका पंपसेट लगा था, जिससे वे अपने खेत की सिंचाई कर रहे थे. वे नहर के बारे में पूछते ही उखड़ गए और कहने लगे, \"50 साल पहले नहर की खुदाई हुई थी. हमारे बाप-दादा ने भी इसके लिए अपनी जमीन दी. हमारा दस कट्ठा जमीन इसमें गया. जमीन का पैसा मिल गया था. मगर इस नहर में एक बूंद पानी नहीं आया. सब जीरो हो गया, जीरो पानी आता तो क्या हमको पंपसेट में डीजल फूंकना पड़ता.\"