जनवरी की 18 तारीख की बात है, राहुल गांधी की विशाल भारत जोड़ो यात्रा जब पंजाब के होशियारपुर के घटोटा गांव से हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के मनसेर में दाखिल हो रही थी, तब टीवी न्यूज चैनल कांग्रेस में घट रही एक और घटना की तस्वीरें भी दिखा रहे थे. पार्टी के नेता और पंजाब के पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल उसकी धुर विरोधी भारतीय जनता पार्टी के झंडे तले आने को तैयार, पार्टी के दिल्ली स्थित राष्ट्रीय मुख्यालय में मौजूद थे.
शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) को नियंत्रित करने वाले पंजाब के नामी-गिरामी बादल परिवार के युवा वंशज मनप्रीत उस गहन राजनैतिक हुनर के लिए नहीं जाने जाते जो उनके परिवार के अन्य मशहूर सदस्यों में है. मगर इसके बावजूद भाजपा के लिए वे बेशकीमती उपलब्धि थे. आखिर क्यों न होते, कांग्रेस को शर्मसार करने के लिए तो उनका इस्तेमाल किया ही जा सकता है. उनके सहारे, एसएडी प्रमुख सुखबीर बादल के गढ़ रहे मुख्य मालवा क्षेत्र में पैठ बनाने की कोशिश भी की जा सकती है. नवंबर 2021 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गद्दीनशीन भाजपा को पीछे हटने और नए कृषि कानून वापस लेने को मजबूर कर दिया गया था, तभी से पार्टी पंजाब में ढलान पर है. कार्यकर्ताओं का मनोबल ध्वस्त है और समर्थन आधार सिकुड़ रहा है. राज्य इकाई की मजबूती के लिए पार्टी ने जल्द ही कांग्रेस और अकाली दल से नेताओं को अपनी तरफ लाने का रास्ता अपनाया.
मनप्रीत पाला बदलने वालों की उस फेहरिस्त में नवीनतम हैं जिसमें पूर्व कांग्रेस मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनका परिवार भी शामिल है. बेशक इसका दूसरा पहलू भी है. ये नेता गुटबाजी, भ्रष्टाचार के आरोपों और प्रमुख पदों के लिए जोड़-तोड़ के अपने साजोसामान के साथ आते हैं. इन नए बादलों की गड़गड़ाहट सुनाई भी देने लगी है. नए आए कुछ नेताओं ने उनसे किए गए वादे पूरे होने तक पार्टी बैठकों में शामिल होने से इनकार कर दिया. फिर जो कि होना ही था, भाजपा के मूल कार्यकर्ताओं की भौंहे तन गई हैं.
Denne historien er fra February 15, 2023-utgaven av India Today Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra February 15, 2023-utgaven av India Today Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
शोख सनसनी दिल्ली की
आर्ट क्यूरेटर, परोपकारी और सोशल मीडिया सनसनी शालिनी पासी नेटफ्लिक्स की सीरीज फैबुलस लाइव्ज वर्सज बॉलीवुड वाइव्ज में शिरकत करने के बाद मिली शोहरत का मजा ले रहीं
पाइ पटेल की भारत यात्रा
यान मार्टेल के चर्चित उपन्यास लाइफ ऑफ पाइ पर फिल्म भी बनी. और अब यह पुरस्कार विजेता नाटक
कला कनॉट प्लेस के इर्द-गिर्द की
धूमीमल गैलरी में चल रही प्रदर्शनी ज्वॉइनिंग द डॉट्स दिल्ली के सांस्कृतिक दिल कनॉट प्लेस के चिरस्थायी आकर्षण को एक तरह की आदरांजलि
हिंदुस्तानी सिनेमा की एक नई रौशनी
फिल्मकार पायल कपाडिया इन दिनों एक अलग ही रंगत में हैं. वजह है उनकी फिल्म ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट और उन्हें मिल रही विश्व प्रसिद्धि. उनका सफर एक बड़े सिनेमाई मुकाम पर जा पहुंचा है. अब यहां से इस जुनूनी आर्टिस्ट का करियर एक नई उड़ान लेने को तैयार
रतन टाटा जिन्हें आप नहीं जानते
पिछले महीने 86 वर्ष की उम्र में दिवंगत हुए रतन टाटा. भारत की सबसे पुरानी विशाल कंपनी के चेहरे रतन को हम में से ज्यादातर लोगों ने जब भी याद किया, वे एक सुविख्यात सार्वजनिक शख्सियत और दूसरी ओर एक रहस्यमय पहेली के रूप में नजर आए.
विदेशी निवेश का बढ़ता क्लेश
अर्थव्यवस्था मजबूत नजर आ रही है, मगर विदेशी निवेशक भारत पर अपना बड़ा और दीर्घकालिक दांव लगाने से परहेज कर रहे हैं
अब शासन का माझी मंत्र
मोहन चरण माझी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार राज्य में 'जनता प्रथम' के सिद्धांत वाली शासन प्रणाली स्थापित कर रही. उसने नवीन पटनायक के दौर वाले कथित नौकरशाही दबदबे को समाप्त किया. आसान पहुंच, ओडिया अस्मिता और केंद्रीय मदद के बूते बड़े पैमाने पर शुरू विकास के काम इसमें उसके औजार बन रहे
होशियार! गठरी में लगे महा डिजिटल ढंग
अमूमन दूसरे देशों के ठिकानों से साइबर अपराधी नेटवर्क अब टेक्नोलॉजी और फंसाने के मनोवैज्ञानिक तरीकों से जाल बिछाकर और फर्जी पुलिस और प्रवर्तन अफसरों का वेश धरकर सीधे सरल लोगों की जीवन भर की जमा-पूंजी उड़ा ले जा रहे
कुछ न कर पाने की कसक
कंग्रेस ने 16 दिसंबर, 2023 को जितेंद्र 'जीतू' पटवारी को मध्य प्रदेश का अपना नया अध्यक्ष बनाने का ऐलान किया था.
पुलिस तक पर्याप्त नहीं
गुजरात के तटीय इलाके में मादक पदार्थों की तस्करी और शहरी इलाकों में लगातार बढ़ती प्रवासी आबादी की वजह से राज्य पुलिस पर दबाव खासा बढ़ गया है. ऐसे में उसे अधिक क्षमता की दरकार है. मगर बल में खासकर सीनियर अफसरों की भारी कमी है. इसका असर उसके मनोबल पर पड़ रहा है.