पूर्वोत्तर के तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में लोकसभा सीटें भले ही सिर्फ पांच हैं लेकिन फरवरी में यहां होने जा रहे विधानसभा चुनावों के नतीजे केंद्र और 14 राज्यों में सत्ता पर काबिज भाजपा के लिए महत्वपूर्ण हैं. साल के अंत में उसके सामने कर्नाटक और मध्य प्रदेश में अपनी सरकार बचाए रखने की चुनौती होगी, साथ ही उसे राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में सत्ता के लिए लड़ना होगा. ऐसे में 2 मार्च को इन तीन राज्यों के नतीजे अगर भाजपा के पक्ष में आए, तो आगे का रास्ता आसान हो जाएगा. दूसरी तरफ, दशकों तक इस क्षेत्र में सत्तासीन रही कांग्रेस अपना अस्तित्व बचाने को लड़ रही है. त्रिपुरा और नगालैंड विधानसभाओं में इसका सूपड़ा साफ है, वहीं पिछली बार मेघालय में सबसे बड़ा दल बनकर उभरी कांग्रेस के सभी विधायक अन्य दलों में शामिल हो चुके हैं. हाल यह है कि अब भाजपा को पूर्वोत्तर में अपने विस्तार की योजना में थोड़ी-बहुत चुनौती क्षेत्रीय दलों से ही मिल रही है.
त्रिपुरा
त्रिपुरा एकमात्र ऐसा पूर्वोत्तर राज्य है जहां 2018 में भाजपा ने 60 सदस्यीय विधानसभा में 36 सीटें जीतकर अपने बलबूते बहुमत हासिल करते हुए दो दशक से अधिक समय तक सत्ता में रहे वाम मोर्चा को हराया. यहां आदिवासी पार्टी इंडिजिनस पीपल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आइपीएफटी) के साथ गठबंधन ने आदिवासियों के लिए सुरक्षित 20 सीटों में से 18 जीतने में मदद की (भाजपा ने 10 और आइपीएफटी ने 8 सीटें जीतीं).
Denne historien er fra February 15, 2023-utgaven av India Today Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra February 15, 2023-utgaven av India Today Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
सबसे अहम शांति
देवदत्त पटनायक अपनी नई किताब अहिंसाः 100 रिफ्लेक्शन्स ऑन द सिविलाइजेशन में हड़प्पा सभ्यता का वैकल्पिक नजरिया पेश कर रहे हैं
एक गुलदस्ता 2025 का
अ ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ ह्यूमनकाइंड जैसी चर्चित किताब के लेखक युवाल नोआ हरारी की यह नई किताब बताती है कि सूचना प्रौद्योगिकी ने हमारी दुनिया को कैसे बनाया और कैसे बिगाड़ा है.
मौन सुधारक
आर्थिक उदारीकरण के देश में सूत्रधार, 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया.
हिंदुस्तानी किस्सागोई का यह सुनहरा दौर
भारतीय मनोरंजन उद्योग जैसे-जैसे विकसित हो रहा है उसमें अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी आने, वैश्विक स्तर पर साझेदारियां बनने और एकदम स्थानीय स्तर के कंटेंट के कारण नए अवसर पैदा हो रहे. साथ ही दुनियाभर के दर्शकों को विविधतापूर्ण कहानियां मिल रहीं
स्वस्थ और सेहतमंद मुल्क के लिए एक रोडमैप
स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में हमारी चुनौतियों का पैमाना विशाल है. 'स्वस्थ और विकसित भारत' के लिए मुल्क को टेक्नोलॉजी के रचनात्मक उपयोग, प्रिडिक्टिव प्रिसीजन मेडिसिन, बिग डेटा और पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर कहीं ज्यादा ध्यान केंद्रित करना होगा
ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की ओर
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2025 में भारत की शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाने, नवाचार, उद्यमिता और सामाजिक प्रगति को बढ़ावा देने के लिए उत्प्रेरक का काम कर रही
ईवी में ऊंची छलांग के लिए भारत क्या करे
स्थानीयकरण से नवाचार तक... चार्जिंग की दुश्वारियां दूर करना, बैटरी तकनीक बेहतर करना और बिक्री के बाद की सेवाएं बेहतर करना ही इलेक्ट्रिक वाहन क्रांति को मजबूत करने का मूल मंत्र है
अब ग्रीन भारत अभियान की बारी
देशों को वैश्विक सफलता का इंतजार करने के बजाए जलवायु को बर्दाश्त बनने के लिए खुद पर भरोसा करना चाहिए
टकराव की नई राहें
हिंदू-मुस्लिम दोफाड़ अब भी जबरदस्त राजनैतिक संदर्भ बिंदु है. अपने दम पर बहुमत पाने में भाजपा की नाकामी से भी सांप्रदायिक लफ्फाजी शांत नहीं हुई, मगर हिंदुत्व के कट्टरपंथी तत्वों के खिलाफ आरएसएस की प्रतिक्रिया अच्छा संकेत
महिलाओं को मुहैया कराएं काम के लिए उचित माहौल
यह पहल अगर इस साल शुरु कर दें तो हम देख पाएंगे कि एक महिला किस तरह से देश की आर्थिक किस्मत बदल सकती है