बादशाह राज करते हैं मगर सल्तनत भी कभी न कभी उजड़ती ही है. शाहरुख खान के सिर करीब दो दशकों तक ताज सजा रहा, दिलों पर राज करते रहे, चाहे किसी नवयौवना को रेलगाड़ी में चढ़ने में मदद करें, या ट्रेन की छत पर डांस करें. वे हरदिल अजीज और खुदा बने रहे. वे हंसे तो आप हंसे, रोए तो आप रोए, जब युवा भारतीय महिला हॉकी टीम की चक दे ! इंडिया के हुंकार के साथ अगुआई की या स्वदेस में घर लौटे तो आप में भी देशभक्ति का जज्बा जोर मारने लगा. वे प्रेम में पड़े तो आप खुश हुए, उनका दिल टूटा तो आप भी उदास. पठान में उनके सह-अभिनेता जॉन अब्राहम इसे कुछ इस तरह बयान करते हैं, “शाहरुख अब महज अदाकार नहीं रहे, वह एक जज्बे का नाम है."
अलबत्ता, एक अरसे तक ऐसा लगा कि सल्तनत हिल रही है. उनके दीवाने गलतियां माफ करने को तैयार न थे और उनके प्रयोगों को उन्होंने बहुत तवज्जो न दी. शाहरुख ने समझ लिया कि अधिक ताकत उसी दर्जे की जिम्मेदारियों से हासिल होती है. उसके अपने जोखिम भी हैं. अंत नजदीक लग रहा था. लेकिन पेशे और जिंदगी की तमाम चुनौतियों को, विवादों और उम्र को धता बताते हुए, चार साल बाद शाहरुख लौटे. बतौर बादशाह 2.0. उनके दीवानों को और क्या चाहिए था! यह सब ताज लैंड्स एंड होटल में बने नजारे से साफ था. यहां उनके खांटी दीवाने जनवरी के अंत में देश भर से बादशाह की वापसी का जश्न मनाने जुटे थे. वहां “वी लव शाहरुख" और "बच्चे, बूढ़े और जवान, सब देखेंगे पठान" के नारे गूंज रहे थे. नवयौवनाएं उनके चेहरे वाले टी-शर्ट पहने थीं. नौजवान पठान के हिट गाने झूमे जो पठान की धुन पर बेसाख्ता डांस कर रहे थे.
Denne historien er fra March 01, 2023-utgaven av India Today Hindi.
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