बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर एक संशय से ये सवाल उपजे थे. तो क्या बाहरी, बिहार में सुरक्षित हैं? ये सवाल क्यों पूछा जा रहा है, और इसका जवाब क्या दिया जाए, इस पर मंथन चल ही रहा था कि एक दूसरा सवाल प्रधान हो गया: क्या बिहारी, बाहर सुरक्षित हैं?
देश के सभी राज्यों की तरह ही तमिलनाडु की औद्योगिक इकाइयों में भी बड़ी संख्या में बिहार से गए प्रवासी मजदूर काम करते हैं. इन पर स्थानीय लोगों द्वारा कथित संगठित हमलों के कई वीडियो बीते दिनों वायरल हुए. इन पर बिहार के बड़े अखबारों ने खबरें कीं. चूंकि बिहार विधानसभा का सत्र चल रहा था, विपक्ष में बैठी भाजपा ने मजदूरों पर कथित हमलों की खबरों को लेकर विधानसभा और विधान परिषद, दोनों जगह हंगामा किया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफा मांगा. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने विधानसभा परिसर में पत्रकारों से कहा, "बिहार के मजदूर तमिलनाडु में पीटे जा रहे हैं, लेकिन सदन में जवाब देने के लिए न मुख्यमंत्री हैं, न उप मुख्यमंत्री और न ही संसदीय कार्यमंत्री."
इसी तरह 2 मार्च को बिहार भाजपा के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि तमिलनाडु में काम कर रहे बिहारी मजदूरों की हालत खराब है. इसके बाद पार्टी नेताओं ने कुछ स्थानीय न्यूज चैनलों के वीडियो ट्वीट किए, जिनमें तमिलनाडु से आए हुए कुछ मजदूर यह दावा कर रहे थे कि वहां उनकी जान को खतरा है. इसी तरह के ट्वीट बिहार भाजपा के ऑफीशियल हैंडल से भी किए गए.
Denne historien er fra March 22, 2023-utgaven av India Today Hindi.
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