तो जनगणना अब लोकसभा चुनाव बाद!
India Today Hindi|March 22, 2023
केंद्र सरकार जनगणना 2021 को आखिर लगातार टालती क्यों जा रही है?
हमांशु शेखर
तो जनगणना अब लोकसभा चुनाव बाद!

ह उल्लेखनीय है कि युद्ध, महामारी, प्राकृतिक आपदा, राजनीतिक अशांति आदि अनेक प्रतिकूलताओं के बावजूद जनगणना करने की महान ऐतिहासिक परंपरा को बनाए रखा गया है. दुनिया के बहुत कम देश इस तरह की विशिष्टता का दावा कर सकते हैं."

ये बातें 2011 की जनगणना रिपोर्ट के शुरुआती पन्नों में लिखी गई हैं. लेकिन भारत की इस गौरवशाली परंपरा का गुणगान करने वाले को इस बात का एहसास न रहा होगा कि अगली ही जनगणना में यह परंपरा टूटने वाली है. 2021 की जनगणना को लेकर मौजूदा स्थिति यह है कि इसकी रिपोर्ट 2024 के लोकसभा चुनावों के पहले आने की दूर-दूर तक कोई संभावना नहीं है. केंद्र सरकार इस देरी के लिए कोविड-19 को जिम्मेदार ठहरा रही है तो विपक्षी पार्टियों का कहना है कि सरकार जनगणना में असहज करने वाले आंकड़े आने के अंदेशे से इसे टाल रही है.

इस साल जनवरी में 2021 की जनगणना के लिए एडमिनिस्ट्रेटिव बाउंड्री फ्रीज करने की आखिरी तारीख को बढ़ाकर 30 जून, 2023 कर दिया गया है. इसका मतलब यह है कि किसी भी पंचायत, तालुका या जिले जैसी प्रशासनिक इकाइयों की जो सीमारेखा 30 जून को होगी, उसे तब तक नहीं बदला जा सकता जब तक जनगणना की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती. जनगणना प्रक्रिया के पहले चरण में घरों को सूचीबद्ध किया जाता है और दूसरे चरण में लोगों की गिनती की जाती है. एडमिनिस्ट्रेटिव बाउंड्री फ्रीज करने के तीन महीने बाद ही घरों को सूचीबद्ध करने का काम शुरू हो सकता है.

वैसे, 2021 की जनगणना की तैयारियां पटरी पर रही थीं. अधिसूचना जारी हो चुकी थी. अप्रैल से सितंबर, 2020 के बीच घरों की सूची बनाने का काम पूरा कर लिया जाना था और 9 से 28 फरवरी, 2021 के बीच जनगणना होनी थी. लेकिन कोरोना ने इसे बेपटरी कर दिया. इस देरी पर जब केंद्र सरकार से संसद में सवाल पूछा गया तो केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने 14 दिसंबर, 2022 को जवाब दिया, "कोविड- 19 महामारी के प्रकोप के कारण, जनगणना 2021 और संबंधित क्षेत्र की गतिविधियों को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है." 

Denne historien er fra March 22, 2023-utgaven av India Today Hindi.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

Denne historien er fra March 22, 2023-utgaven av India Today Hindi.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

FLERE HISTORIER FRA INDIA TODAY HINDISe alt
शोख सनसनी दिल्ली की
India Today Hindi

शोख सनसनी दिल्ली की

आर्ट क्यूरेटर, परोपकारी और सोशल मीडिया सनसनी शालिनी पासी नेटफ्लिक्स की सीरीज फैबुलस लाइव्ज वर्सज बॉलीवुड वाइव्ज में शिरकत करने के बाद मिली शोहरत का मजा ले रहीं

time-read
1 min  |
December 04, 2024
पाइ पटेल की भारत यात्रा
India Today Hindi

पाइ पटेल की भारत यात्रा

यान मार्टेल के चर्चित उपन्यास लाइफ ऑफ पाइ पर फिल्म भी बनी. और अब यह पुरस्कार विजेता नाटक

time-read
2 mins  |
December 04, 2024
कला कनॉट प्लेस के इर्द-गिर्द की
India Today Hindi

कला कनॉट प्लेस के इर्द-गिर्द की

धूमीमल गैलरी में चल रही प्रदर्शनी ज्वॉइनिंग द डॉट्स दिल्ली के सांस्कृतिक दिल कनॉट प्लेस के चिरस्थायी आकर्षण को एक तरह की आदरांजलि

time-read
3 mins  |
December 04, 2024
हिंदुस्तानी सिनेमा की एक नई रौशनी
India Today Hindi

हिंदुस्तानी सिनेमा की एक नई रौशनी

फिल्मकार पायल कपाडिया इन दिनों एक अलग ही रंगत में हैं. वजह है उनकी फिल्म ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट और उन्हें मिल रही विश्व प्रसिद्धि. उनका सफर एक बड़े सिनेमाई मुकाम पर जा पहुंचा है. अब यहां से इस जुनूनी आर्टिस्ट का करियर एक नई उड़ान लेने को तैयार

time-read
7 mins  |
December 04, 2024
रतन टाटा जिन्हें आप नहीं जानते
India Today Hindi

रतन टाटा जिन्हें आप नहीं जानते

पिछले महीने 86 वर्ष की उम्र में दिवंगत हुए रतन टाटा. भारत की सबसे पुरानी विशाल कंपनी के चेहरे रतन को हम में से ज्यादातर लोगों ने जब भी याद किया, वे एक सुविख्यात सार्वजनिक शख्सियत और दूसरी ओर एक रहस्यमय पहेली के रूप में नजर आए.

time-read
8 mins  |
December 04, 2024
विदेशी निवेश का बढ़ता क्लेश
India Today Hindi

विदेशी निवेश का बढ़ता क्लेश

अर्थव्यवस्था मजबूत नजर आ रही है, मगर विदेशी निवेशक भारत पर अपना बड़ा और दीर्घकालिक दांव लगाने से परहेज कर रहे हैं

time-read
6 mins  |
December 04, 2024
अब शासन का माझी मंत्र
India Today Hindi

अब शासन का माझी मंत्र

मोहन चरण माझी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार राज्य में 'जनता प्रथम' के सिद्धांत वाली शासन प्रणाली स्थापित कर रही. उसने नवीन पटनायक के दौर वाले कथित नौकरशाही दबदबे को समाप्त किया. आसान पहुंच, ओडिया अस्मिता और केंद्रीय मदद के बूते बड़े पैमाने पर शुरू विकास के काम इसमें उसके औजार बन रहे

time-read
6 mins  |
December 04, 2024
होशियार! गठरी में लगे महा डिजिटल ढंग
India Today Hindi

होशियार! गठरी में लगे महा डिजिटल ढंग

अमूमन दूसरे देशों के ठिकानों से साइबर अपराधी नेटवर्क अब टेक्नोलॉजी और फंसाने के मनोवैज्ञानिक तरीकों से जाल बिछाकर और फर्जी पुलिस और प्रवर्तन अफसरों का वेश धरकर सीधे सरल लोगों की जीवन भर की जमा-पूंजी उड़ा ले जा रहे

time-read
4 mins  |
December 04, 2024
कुछ न कर पाने की कसक
India Today Hindi

कुछ न कर पाने की कसक

कंग्रेस ने 16 दिसंबर, 2023 को जितेंद्र 'जीतू' पटवारी को मध्य प्रदेश का अपना नया अध्यक्ष बनाने का ऐलान किया था.

time-read
2 mins  |
December 04, 2024
पुलिस तक पर्याप्त नहीं
India Today Hindi

पुलिस तक पर्याप्त नहीं

गुजरात के तटीय इलाके में मादक पदार्थों की तस्करी और शहरी इलाकों में लगातार बढ़ती प्रवासी आबादी की वजह से राज्य पुलिस पर दबाव खासा बढ़ गया है. ऐसे में उसे अधिक क्षमता की दरकार है. मगर बल में खासकर सीनियर अफसरों की भारी कमी है. इसका असर उसके मनोबल पर पड़ रहा है.

time-read
3 mins  |
December 04, 2024