कमोडिटी या जिंसों में निवेश का जिक्र करने पर संभावना यही है कि जोखिम भरा और पेचीदा निवेश दिमाग में उभरेगा. मगर जिस तरह शेयरों में निवेश के लिए कंपनियों, सेक्टरों और वित्तीय खूबियों-खामियों के बारे में ढेरों खोजबीन करनी होती हैं, उसके विपरीत कमोडिटी में निवेश मोटे तौर पर मांग और आपूर्ति के सरोकारों पर टिका होता है. जिन खुदरा निवेशकों के पास खासा विविधतापूर्ण पोर्टफोलियो और जोखिम लेने की क्षमता है, वे वित्तीय नुक्सान से बचने के औजार (हेजिंग) के तौर पर जिंसों में निवेश पर गौर कर सकते हैं. पोर्टफोलियो के नजरिए से जिंसों की कीमतों में शेयर और बॉन्ड के मुकाबले ऐतिहासिक तौर पर कम उतार-चढ़ाव आए हैं, जिससे यह पोर्टफोलियो में विविधता लाने का कारगर विकल्प देता है.
सरल शब्दों में, कमोडिटी या जिंस व्यापार में इस्तेमाल की गई वह आवश्यक वस्तु है जिसकी दूसरी वस्तुओं के साथ अदला-बदली की जा सकती है. अनाज, सोना, तेल और प्राकृतिक गैस सरीखी वस्तुएं जिंसों के आदर्श उदाहरण हैं (देखें-कमोडिटीज की दुनिया). कमोडिटी निवेशकों के लिए सामान्य निवेशों से बाहर अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने का अच्छा तरीका हो सकती हैं. इन वस्तुओं की भौतिक खरीद-फरोख्त की जा सकती है, पर ज्यादातर यह वायदा करारों के जरिए होता है, जिसमें आप तयशुदा तारीख पर निश्चित कीमत पर जिंस बेचने या खरीदने की रजामंदी देते हैं.
Denne historien er fra May 03, 2023-utgaven av India Today Hindi.
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