अचानक आ धमका कोविड-19 का प्रकोप शिक्षा के मामले में अब तक की सबसे बड़ी परीक्षा साबित हुआ. इसके चलते लगभग रातोरात ऑनलाइन पढ़ाई की ओर बढ़ने का फैसला करना पड़ा. इतने भारी संकट के मद्देनजर देश ने इस चुनौती का सामना सराहनीय ढंग से किया. हालांकि, धीरे-धीरे जब महामारी के असर के दूसरे पहलू खुले तो पता चला कि वायरस ने कई तरीकों से गहरा नुकसान पहुंचाया है. मसलन, पढ़ाई-लिखाई की खाई को देखिए. एनजीओ प्रथम की सालाना शिक्षा स्थिति रिपोर्ट (एएसईआर), 2021 में पाया गया कि 2018 और 2021 के बीच बच्चों की बुनियादी पढ़ाई और गणित की समझ के स्तर में काफी गिरावट आई. आर्थिक गैर-बराबरी ने इस खाई को और भी चौड़ा कर दिया. जिन्हें टेक्नोलॉजी सहज उपलब्ध थी, वे तो आगे बढ़ने में कामयाब रहे लेकिन वंचित पृष्ठभूमि के छात्र पिछड़ गए. इन तमाम मामलों ने 2020 में घोषित राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) पर अमल को और भी जरूरी बना दिया. शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि नया पाठ्यक्रम अगले साल तक तैयार हो जाएगा. इस बीच, पाठ्यक्रम सामग्री को 'तर्कसंगत' बनाने की सरकार की कोशिशों पर भारी हंगामा खड़ा हो गया है.
Denne historien er fra June 14, 2023-utgaven av India Today Hindi.
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परदेस में परचम
भारतीय अकादमिकों और अन्य पेशेवरों का पश्चिम की ओर सतत पलायन अब अपने आठवें दशक में है. पहले की वे पीढ़ियां अमेरिकी सपना साकार होने भर से ही संतुष्ट हो ती थीं या समृद्ध यूरोप में थोड़े पांव जमाने का दावा करती थीं.
भारत का विशाल कला मंच
सांफ्ट पावर से लेकर हार्ड कैश, हाई डिजाइन से लेकर हाई फाइनेंस आदि के संदर्भ में बात करें तो दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह भारत की शीर्ष स्तर की कला हस्तियां भी भौतिक सफलता और अपनी कल्पनाओं को परवान चढ़ाने के बीच एक द्वंद्व को जीती रहती हैं.
सपनों के सौदागर
हम ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां मनोरंजन से हौवा खड़ा हो है और उसी से राहत भी मिलती है.
पासा पलटने वाले महारथी
दरअसल, जिंदगी की तरह खेल में भी उतारचढ़ाव का दौर चलता रहता है.
गुरु और गाइड
अल्फाज, बुद्धिचातुर्य और हास्यबोध उनके धंधे के औजार हैं और सोशल मीडिया उनका विश्वव्यापी मंच.
निडर नवाचारी
खासी उथल-पुथल मचा देने वाली गतिविधियों से भरपूर भारतीय उद्यमिता के क्षेत्र में कुछ नया करने वालों की नई पौध कारोबार, टेक्नोलॉजी और सामाजिक असर पैदा करने के नियम नए सिरे से लिख रही है.
अलहदा और असाधारण शख्सियतें
किसी सर्जन के चीरा लगाने वाली ब्लेड की सटीकता उसके पेशेवर कौशल की पहचान होती है.
अपने-अपने आसमान के ध्रुवतारे
महानता के दो रूप हैं. एक वे जो अपने पेशे के दिग्गजों के मुकाबले कहीं ज्यादा चमक और ताकत हासिल कर लेते हैं.
बोर्डरूम के बादशाह
ढर्रा-तोड़ो या फिर अपना ढर्रा तोड़े जाने के लिए तैयार रहो. यह आज के कारोबार में चौतरफा स्वीकृत सिद्धांत है. प्रतिस्पर्धा से प्रेरित होकर भारत के सबसे ताकतवर कारोबारी अगुआ अपने साम्राज्यों को मजबूत कर रहे हैं. इसके लिए वे नए मोर्चे तलाश रहे हैं, गति और पैमाने के लिए आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस सरीखे उथल-पुथल मचा देने वाले टूल्स का प्रयोग कर रहे हैं और प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए नवाचार बढ़ा रहे हैं.
देश के फौलादी कवच
लबे वक्त से माना जाता रहा है कि प्रतिष्ठित शख्सियतें बड़े बदलाव की बातें करते हुए सियासी मैदान में लंबे-लंबे डग भरती हैं, वहीं किसी का काम अगर टिकता है तो वह अफसरशाही है.