ट्रेनिंग से मैक्रोइकोनॉमिस्ट और न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर डॉ. रंगराजन भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के डिप्टी गवर्नर और गवर्नर, दो राज्यों के राज्यपाल, 12वें वित्त आयोग के अध्यक्ष, राज्यसभा के सदस्य तथा आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन सरीखे पदों पर रहे. मैं भारत में किसी दूसरे शख्स के बारे में नहीं सोच पाता जो तकनीकी और अर्धराजनैतिक दोनों पदों पर सफल रहा हो, दोनों किस्म के पदों पर सहजता से आता-जाता रहा हो, और जिसने हर काम में हमेशा खासे असरदार नतीजे दिए हों. इसलिए यह अपने आप में सेवानिवृत्ति के बाद बड़ी सेवा की बात है कि उन्होंने विभिन्न पदों पर अपने कार्यकाल के दौरान मौजूद आर्थिक पृष्ठभूमि, पेश आई नीतिगत चुनौतियों, लिए गए फैसलों, हासिल की गई स्थिरता, और तेज की गई वृद्धि को समाहित करते हुए ये संस्मरण लिखे हैं.
किताब में पहला धमाका 1990 के दशक के भुगतान संतुलन (बीओपी) के संकट बाद शुरू किए गए सुधार हैं, उस आरंभिक व्यवस्था से, जिसमें डॉ. रंगराजन आरबीआइ के गवर्नर के नाते नेपथ्य के दफ्तर में बैठकर (बेशक कर्मचारियों के साथ चर्चा के बाद) अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए की विनिमय दर तय करते थे, आज अरबों डॉलर की खरीद-फरोख्त के बीच ज्यादातर बाजार की ताकतों के हाथों तय की जा रही विनिमय दर तक यह जो बदलाव आया है, भारत के बाहरी क्षेत्र की साज-संभाल में एक जबरदस्त छलांग है. इस कदम के लिए नियंत्रण छोड़ने की जरूरत थी. बीओपी संकट के दोहराव से बचने की खातिर डॉ. रंगराजन ने भारत सरकार के साथ मिलकर उसकी शुरुआत की. उन्होंने लंबे वक्त की इक्विटी शैली पर ज्यादा, और अस्थिर तथा चलायमान मुद्रा के ऋण प्रवाह पर कम तथा डॉलर मूल्यवर्ग के सरकारी बॉन्ड में कतई भरोसा न करते हुए पूंजी के प्रवाह को संभालने के लिए दूरदर्शी ढांचा स्थापित किया.
Denne historien er fra June 28, 2023-utgaven av India Today Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra June 28, 2023-utgaven av India Today Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
मजबूत हाथों में भविष्य
भविष्य के बिजनेस लीडर्स को गढ़ने में बिजनेस स्कूलों की बेहद निर्णायक भूमिका है, ऐसा भविष्य जिसकी अगुआई टेक्नोलॉजी करेगी
कॉर्पोरेट के पारखी
आइआइएम कलकत्ता के छात्रों को महज बिजनेस दिग्गज बनने के लिए ही प्रशिक्षित नहीं किया जा रहा, वे पार्टनरशिप्स के जरिए राज्य की नौकरशाही को ऊर्जावान बनाने में भी मदद कर रहे
विरासत की बड़ी लड़ाई
बड़े दांव वाले शक्ति प्रदर्शन के लिए मैदान सज गया है, राजनैतिक दिग्गज और ताकतवर परिवार आदिवासी बहुल क्षेत्र पर कब्जे के लिए आ गए हैं आमने-सामने
कौन दमदार शिवसेना
महाराष्ट्र में किसका राज चलेगा, यह लोगों के वोट से तय होगा लेकिन साथ ही यह भी तय होगा कि कौन-सी शिवसेना असली है-ठाकरे की या शिंदे की
सीखने का सुखद माहौल
स्वास्थ्य प्रबंधन में एक नए पाठ्यक्रम से लेकर ब्लॉकचेन तकनीक पर केंद्रित कार्यक्रम तक, आइआइएम लखनऊ अपने नए ईकोसिस्टम के साथ अग्रणी भूमिका निभा रहा
ट्रंप की नजर में दुनिया
अमेरिका के लोगों ने दूसरी बार डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अपनी आस्था जताई है. ऐसे में भारत और बाकी दुनिया इस बात के लिए अपने को तैयार कर रही कि व्यापार और भू-राजनीतिक व्यवस्था के संदर्भ में 47वें राष्ट्रपति के अमेरिका-प्रथम के एजेंडे का आखिर क्या मायने होगा?
नवाचार की शानदार चमक
इस संस्थान में शिक्षा का मतलब ऐसे समाधान तैयार करना है जिनके केंद्र में देश की सामाजिक वास्तविकता मजबूती से जुड़ी हो
योगी बनाम अखिलेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अगस्त को आगरा में ताज महल पश्चिमी द्वार स्थित पुरानी मंडी चौराहे पर दुर्गादास राठौर मु की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे.
लैब कॉर्पोरेट लीडरशिप की
सख्त एकेडमिक अनुशासन, रिसर्च पर फोकस और विश्वस्तरीय गुणवत्ता के जरिए आइआइएम-के बिजनेस एजुकेशन की नई परिभाषा गढ़ रहा
सत्ता पर दबदबे की नई होड़
इन दिनों धुंध की मोटी चादर में लिपटी कश्मीर घाटी में छह साल के इंतजार के बाद नई उम्मीद जगी है. केंद्र शासित प्रदेश की नवनिर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की सरकार ने आते ही अपने इरादे साफ कर दिए - जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाना उनका पहला संकल्प है.