आधिकारिक आंकड़े मौजूद नहीं हैं, पर इससे प्रभावित राज्यों की फेहरिस्त में मध्य प्रदेश को सबसे ऊपर माना जाता है. इसीलिए शायद यह ठीक ही था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन की शुरुआत 1 जुलाई को राज्य के पूर्वी हिस्से में शहडोल से की. मिशन से देश की स्वतंत्रता के 100वें साल यानी 2047 तक एससीए को जड़ से मिटाने की उम्मीद की जा रही है.
एससीए आनुवंशिक रक्तविकार है, जो लाल रक्त कोशिकाओं पर असर डालता है और माता-पिता से बच्चों को हो जाता है. मेडिकल साइंस के पास इसका स्थायी इलाज अब तक नहीं है. मिशन इस परेशानी को परस्पर प्रभाव वाली दो स्तरों पर देखता है: स्थूल और सूक्ष्म पहला, इसके व्यापक कवरेज को दर्शाता है: 17 राज्य और 278 जिले. मध्य प्रदेश स्वास्थ्य सेवा के कमिशनर डॉ. सुदम खड़े कहते हैं, "राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम नहीं होने से अलग-अलग राज्य अपने दम पर इस रोग से निबट रहे थे. अब अतिरिक्त धन मिलेगा और एससीए के उन्मूलन का काम दिशानिर्देशों के अनुसार तथा राज्यों के बीच ज्यादा आपसी सहयोग से आगे बढ़ेगा. डायग्नोसिस और मैनेजमेंट में गति आएगी."
Denne historien er fra August 02, 2023-utgaven av India Today Hindi.
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