आखिरी हद तक उड़ान
ड्रोन देश के शहरी और दूर-दराज के इलाकों में एक समान सेवा आपूर्ति में क्रांतिकारी बदलाव की संभावना जगा
अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस ने 2013 में पहली दफा ड्रोन के जरिए पैकेज डिलिवरी की बात की तो हौसले से कहा कि इसे साइंस फिक्शन न समझा जाए. पिछले साल दिसंबर में ई-कॉमर्स की बहुराष्ट्रीय कंपनी ने अपनी पहली ड्रोन डिलिवरी का ऐलान कर दिया. अलबत्ता, यह छोटे पैमाने पर सिर्फ अमेरिका के दो शहरों में किया गया. महज दशक भर में ही ड्रोन से डिलिवरी एक स्वप्निल विचार से ऐसे साकार हो उठी, जिससे माल - असबाब के परिवहन की दुनिया पूरी तरह बदल सकती है. मसलन, अमेरिकी कंपनी जिपलाइन के मुताबिक, उसके ड्रोन 73.3 लाख सामान की 7,00,000 डिलिवरी कर चुके हैं और इस तरह वह सबसे बड़ी ड्रोन लॉजिस्टिक्स कंपनी बन गई है. 2014 में स्थापित जिपलाइन ने 2016 रवांडा में ब्लड और मेडिकल साजो-सामान की डिलिवरी शुरू की, फिर खाद्य पदार्थों, रिटेल, कृषि और पशु पोषण उत्पाद वगैरह की डिलिवरी में उसका विस्तार किया. फिर, इसी महीने ब्रिटेन के रॉयल मेल ने स्कॉटलैंड के पास कुछ दूर-दराज के द्वीपों में ड्रोन से रोजाना डाक सेवा शुरू करने का ऐलान किया.
यह गेमचेंजर क्यों है
भारत में कई कंपनियों ने इसके कई ट्रायल किए हैं. इनमें भोजन डिलिवरी स्टार्ट-अप स्विगी, दवा अपूर्ति वाली टाटा 1एमजी और इंडियापोस्ट प्रमुख हैं. दरअसल, कोविड- 19 महामारी में लॉकडाउन के दौरान देश के दूर-दराज इलाकों में दवाइयां और वैक्सीन की आपूर्ति के लिए ड्रोन बेहद उपयोगी साधन साबित हुए.
इस दौरान ड्रोन खुद लंबी दूरी तय कर आए हैं. दशक भर पहले सामान्य उपयोग के लिए ड्रोन बैटरी खत्म होने तक अधिकतम छह मिनट ही आसमान में उड़ सकते थे. अब उनकी बुनियादी उड़ान का वक्त 45 मिनट है. सर्वे या मैपिंग के लिए तैनात ड्रोन दो घंटे तक उड़ सकते हैं. इस तरह डिलिवरी ड्रोन अगला मुकाम तय करने वाले हैं.
महारत हासिल करने के लिए भारत क्या करे
Denne historien er fra August 30, 2023-utgaven av India Today Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra August 30, 2023-utgaven av India Today Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
फिर उसी बुलंदी पर
वनडे विश्व कप के फाइनल में चौंकाने वाली हार के महज सात महीने बाद भारत ने जबरदस्त वापसी की और जून 2024 में टी20 विश्व कप जीतकर क्रिकेट की बुलंदियों एक को छुआ
आखिरकार आया अस्तित्व में
यह एक भूभाग पर हिंदू समाज के स्वामित्व का प्रतीक था. इसके निर्माण से भक्तों को एक तरह की परिपूर्णता और उल्लास की अनुभूति हुई. अलग-अलग लोगों के लिए राम मंदिर के अलग-अलग अर्थ रहे हैं और उसमें आधुनिक भारत की सभी तरह की जटिलताओं- पेचीदगियों की झलक देखी जा सकती है
बंगाल विजयनी
केवल आर. जी. कर और संदेशखाली घटनाक्रमों को गिनेंगे तो लगेगा कि 2024 ममता बनर्जी के लिए सबसे मुश्किल साल था, मगर चुनावी नतीजों का संदेश तो कुछ और ही
सत्ता पर काबिज रहने की कला
सियासी माहौल कब किस करवट बैठने के लिए मुफीद है, यह नीतीश कुमार से बेहतर शायद ही कोई जानता हो. इसी क्षमता ने उन्हें मोदी 3.0 में एक मजबूत स्तंभ के तौर पर स्थापित किया
शेरदिल सियासतदां
विधानसभा चुनाव में शानदार जीत ने न केवल उनकी पार्टी बल्कि कश्मीर का भी लंबा सियासी इंतजार खत्म कराया. मगर उमर अब्दुल्ला को कई कड़ी परीक्षाओं से गुजरना पड़ रहा—उन्हें व की बड़ी उम्मीदों पर खरा उतरना है, तो जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस मिलने तक केंद्र से जूझना भी है
शूटिंग क्वीन
मनु भाकर ने पेरिस 2024 ओलंपिक में बदलाव की शानदार पटकथा लिखी. अटूट इच्छाशक्ति से अतीत की निराशा को पीछे छोड़कर उन्होंने अपना भाग्य गढ़ा
नया सितारा पॉप का
दुनियाभर के विभिन्न मंचों पर धूम मचाने से लेकर भाषाई बंधन तोड़ने और पंजाबी गौरव का परचम फिर बुलंद करने तक, दिलजीत दोसांझ ने साबित कर दिया कि एक सच्चा कलाकार किसी भी सीमा और शैली से परे होता है
बातें दिल्ली के व्यंजनों की
एकेडमिक, इतिहासकार और देश के सबसे पसंदीदा खानपान लेखकों में से एक पुष्पेश पंत की ताजा किताब फ्रॉम द किंग्ज टेबल टु स्ट्रीट फूड: अ फूड हिस्ट्री ऑफ देहली में है राजधानी के स्वाद के धरोहर की गहरी पड़ताल
दो ने मिलकर बदला खेल
हेमंत और कल्पना सोरेन ने झारखंड के राजनैतिक खेल को पलटते हुए अपनी लगभग हार की स्थिति को एक असाधारण वापसी में बदल डाला
बवंडर के बीच बगूला
आप के मुखिया के लिए यह खासे नाटकीय घटनाक्रम वाला साल रहा, जिसमें उनका जेल जाना भी शामिल था. अब जब पार्टी लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए दिल्ली पर राज करने की निर्णायक लड़ाई लड़ रही, सारी नजरें उन्हीं पर टिकीं