अदाणी समूह को कड़ा झटका देते हुए खोजी पत्रकारों के वैश्विक नेटवर्क ऑर्गेनाइज्ड क्राइम ऐंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (ओसीसीआरपी) ने कुछ खास दस्तावेजों तक पहुंच का दावा किया है, जो कथित तौर पर दर्शाते हैं कि कैसे मॉरिशस स्थित रहस्यमय इन्वेस्मेंट फंड्स के जरिए अदाणी की कंपनियों के सार्वजनिक तौर पर ट्रेड होने वाले शेयरों में करोड़ों डॉलर का निवेश किया गया. ओसीसीआरपी की यह खोजपरक रिपोर्ट कई टैक्स हेवन बने स्थानों, बैंक रिकॉर्ड और अदाणी समूह के आंतरिक ईमेल फाइलों के आधार पर तैयार हुई है, जिन्हें पहले दो प्रमुख विदेशी समाचारपत्र संगठनों के साथ साझा किया गया और फिर 31 अगस्त को इसकी अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दी गई.
रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि एक समय 43 करोड़ डॉलर (3,558 करोड़ रुपए) तक पहुंच गए अदाणी स्टॉक होल्डिंग्स से जुड़े कम से कम दो ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें रहस्यमय निवेशक समूह के तार बहुसंख्यक शेयरधारकों यानी अदाणी परिवार के साथ सीधे जुड़े हैं. इन दो लोगों नासिर अली शाबान अहली और चांग चुंग-लिंग के लंबे समय से अदाणी परिवार के साथ कारोबारी रिश्ते रहे हैं. वे अदाणी समूह की कंपनियों और समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी के बड़े भाई विनोद अदाणी से जुड़ी फर्मों में निदेशक और शेयरधारक के तौर पर शामिल रहे हैं.
दस्तावेजों से पता चलता है कि मॉरिशस स्थित दो फंड-इमर्जिंग इंडिया फोकस फंड और ईएम रिसर्जेंट फंड-ने 2013 से 2018 के बीच अदाणी की चार कंपनियों के शेयरों में बड़ी मात्रा में निवेश और खरीद-फरोख्त की. रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि इन विदेशी या ऑफशोर कंपनियों के माध्यम से दोनों ने गुपचुप तरीके से अपनी भागीदारी छिपाकर सालों अदाणी के शेयरों की खरीद-बिक्री की और इस तरीके से काफी मुनाफा कमाया. पता चलता है कि उनके निवेश की प्रभारी प्रबंधन कंपनी ने विनोद अदाणी की कंपनी को निवेश पर सलाह देने के लिए भुगतान भी किया.
Denne historien er fra September 20, 2023-utgaven av India Today Hindi.
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