दरअसल, कुछ ही महीनों बाद आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी और 14 दिन की न्यायिक हिरासत को मुख्य विपक्षी पार्टी के लिए करारा झटका माना जा रहा है. नायडू पर आरोप है कि वे आंध्र प्रदेश राज्य कौशल विकास निगम (एपीएसएसडीसी) में करीब 371 करोड़ रुपए की वित्तीय गड़बड़ियों के मामले में 'प्रमुख साजिशकर्ता' हैं. बतौर मुख्यमंत्री नायडू के कार्यकाल (2014 से 2019) के दौरान 2014 में स्थापित एपीएसएसडीसी ने बेरोजगार युवाओं के कौशल प्रशिक्षण के लिए एक प्रोजेक्ट शुरू किया था. आरोप है कि इसका इस्तेमाल सरकारी खजाने को चपत लगाने में किया गया. आंध्र प्रदेश अपराध जांच विभाग (एपीसीआइडी) ने मामले की व्यापक जांच की और पाया कि नायडू को प्रोजेक्ट के आकार लेते समय से ही इसके बारे में पूरी जानकारी थी और अनियमितताओं में उनकी भूमिका थी.
इस मामले में नायडू की गिरफ्तारी शनिवार 9 सितंबर की सुबह उस समय हुई, जब वे नांदयाल की यात्रा पर थे, और फिर रविवार को उन्हें न्यायिक रिमांड के लिए मजिस्ट्रेट के सामने पेश किए जाने के समय पर भी सवाल उठे. एपीसीआइडी ने रिमांड रिपोर्ट पेश करते समय यह दलील दी थी कि इस बात के प्रथम दृष्ट्या साक्ष्य मौजूद हैं कि एफआइआर में 37वें आरोपित के तौर पर शामिल नायडू ही अपराध के मुख्य साजिशकर्ता थे. अपराध जांच विभाग का कहना है कि नायडू और टीडीपी को ही इससे सीधे तौर पर लाभ मिला.
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