कोच्चि के उपनगर कलामासेरी स्थित सामरा कन्वेंशन सेंटर में समुदाय के करीब 2,500 लोग प्रार्थना के लिए जुटे थे तभी यहां का हॉल एक के बाद एक चार धमाकों से दहल उठा. पहला विस्फोट सुबह 9.38 बजे हुआ और देखते-देखते श्रद्धालुओं के बीच चीख-पुकार मच गई. धमाकों में तीन लोगों की जान गई जबकि 52 घायल हो गए. इनमें से पांच की हालत गंभीर बताई गई है. 55 वर्षीया लेयोना पॉलोज की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 53 वर्षीया कुमारी पुष्पन और 12 वर्षीया लिबिना प्रदीपन ने कोच्चि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.
घटना ऐसे समय पर हुई जब 26 अक्तूबर को ही कोझिकोड में फलस्तीन के साथ एकजुटता दिखाते हुए विरोध प्रदर्शन किए गए थे, जिसमें गजा पर इज्राएली बमबारी की निंदा की गई, और हमास के एक पूर्व कमांडर ने मलप्पुरम में एक अन्य रैली को वर्चुअली संबोधित किया था. ऐसे में ये अफवाहें फैलते जरा भी देर नहीं लगी कि हमले को अंजाम देने में अल्पसंख्यक समुदाय के कट्टरपंथी मजहबी संगठनों का हाथ है. लेकिन मामला और बिगड़ता, इससे पहले ही जेडब्ल्यू का सदस्य रह चुका 57 वर्षीय डोमिनिक मार्टिन सामने आया. धमाकों के कुछ घंटों बाद मार्टिन ने फेसबुक पर एक वीडियो संदेश के जरिये दावा किया कि हमले में उसका हाथ है. मार्टिन की दलील है कि उसने इस आपराधिक कृत्य को अंजाम दिया क्योंकि इस संप्रदाय की विचारधारा 'राष्ट्र विरोधी' है. मार्टिन का कहना है कि वह 16 साल तक जेडब्ल्यू सदस्य रहा, लेकिन छह साल पहले उसका इससे मोहभंग हो गया. क्योंकि, "वे त्योहार नहीं मनाते, वोट नहीं देते, सेना या शिक्षण पेशे में शामिल नहीं होते. राष्ट्रगान से भी परहेज करते हैं." मार्टिन का कहना है कि इस संप्रदाय से अपने तौरतरीके सुधारने की उनकी हर अपील निरर्थक साबित हुई तो आजिज आकर उन्होंने यह गंभीर कदम उठाया. जैसा, फेसबुक संदेश में वादा किया गया था, हमलावर ने उसी दिन कोच्चि से दो घंटे की दूरी पर स्थित त्रिचूर जिले के कोडकारा में पुलिस के सामने समर्पण कर दिया.
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