कुर्मी नेता और अपना दल के संस्थापक सोनेलाल पटेल की पुण्यतिथि एक बार फिर पारिवारिक विवाद में बदल गई थी. 17 अक्तूबर को सोनेलाल पटेल की पुण्यतिथि के मौके पर अपना दल (सोनेलाल) की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने प्रतापगढ़ में बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया था. समारोह में काफी भीड़ जुटी और मंच से अनुप्रिया पटेल ने जाति जनगणना की मांग करके कुर्मी बिरादरी पर अपनी पकड़ मजबूत करने का प्रयास किया.
इस आयोजन से एक दिन पहले 16 अक्तूबर को दूसरे खेमे अपना दल (कमेरावादी) की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं सिराथू विधायक पल्लवी पटेल ने प्रयागराज में पत्रकारों के सामने अपनी बहन अनुप्रिया पटेल की तरफ इशारा करते हुए कहा, "जो लोग सोनेलाल पटेल के नाम की राजनैतिक मलाई खा रहे हैं, वे उनकी हत्या का सच सामने लाएं तो उनको वास्तविक श्रद्धांजलि होगी."
पल्लवी पटेल ने एक बार फिर अपने पिता सोनेलाल पटेल की मौत की सीबीआइ जांच की मांग करके छोटी बहन अनुप्रिया को घेरने का प्रयास किया. दो हफ्ते से कुछ अधिक समय बीतने के बाद अनुप्रिया ने 4 नवंबर को अपना दल का स्थापना दिवस अयोध्या में मनाया. इससे ठीक एक दिन पहले 3 नवंबर को अपना दल (कमेरावादी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल अयोध्या में थीं. पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने भी केंद्र सरकार में वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री अपनी बेटी अनुप्रिया पर सोनेलाल पटेल की मौत की सीबीआइ जांच न होने देने का आरोप लगाया.
अपना दल (कमेरावादी) ने पार्टी का स्थापना दिवस समारोह लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में मनाया. इसमें मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंच से घोषणा की कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव में अपना दल (कमेरावादी) को सीटें देने में कंजूसी नहीं करेगी. उधर, अयोध्या में अनुप्रिया सपा पर निशाना साधते हुए बोलीं कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की एनडीए सरकार ही देश में जातीय जनगणना कराएगी.
Denne historien er fra November 22, 2023-utgaven av India Today Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra November 22, 2023-utgaven av India Today Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
शोख सनसनी दिल्ली की
आर्ट क्यूरेटर, परोपकारी और सोशल मीडिया सनसनी शालिनी पासी नेटफ्लिक्स की सीरीज फैबुलस लाइव्ज वर्सज बॉलीवुड वाइव्ज में शिरकत करने के बाद मिली शोहरत का मजा ले रहीं
पाइ पटेल की भारत यात्रा
यान मार्टेल के चर्चित उपन्यास लाइफ ऑफ पाइ पर फिल्म भी बनी. और अब यह पुरस्कार विजेता नाटक
कला कनॉट प्लेस के इर्द-गिर्द की
धूमीमल गैलरी में चल रही प्रदर्शनी ज्वॉइनिंग द डॉट्स दिल्ली के सांस्कृतिक दिल कनॉट प्लेस के चिरस्थायी आकर्षण को एक तरह की आदरांजलि
हिंदुस्तानी सिनेमा की एक नई रौशनी
फिल्मकार पायल कपाडिया इन दिनों एक अलग ही रंगत में हैं. वजह है उनकी फिल्म ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट और उन्हें मिल रही विश्व प्रसिद्धि. उनका सफर एक बड़े सिनेमाई मुकाम पर जा पहुंचा है. अब यहां से इस जुनूनी आर्टिस्ट का करियर एक नई उड़ान लेने को तैयार
रतन टाटा जिन्हें आप नहीं जानते
पिछले महीने 86 वर्ष की उम्र में दिवंगत हुए रतन टाटा. भारत की सबसे पुरानी विशाल कंपनी के चेहरे रतन को हम में से ज्यादातर लोगों ने जब भी याद किया, वे एक सुविख्यात सार्वजनिक शख्सियत और दूसरी ओर एक रहस्यमय पहेली के रूप में नजर आए.
विदेशी निवेश का बढ़ता क्लेश
अर्थव्यवस्था मजबूत नजर आ रही है, मगर विदेशी निवेशक भारत पर अपना बड़ा और दीर्घकालिक दांव लगाने से परहेज कर रहे हैं
अब शासन का माझी मंत्र
मोहन चरण माझी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार राज्य में 'जनता प्रथम' के सिद्धांत वाली शासन प्रणाली स्थापित कर रही. उसने नवीन पटनायक के दौर वाले कथित नौकरशाही दबदबे को समाप्त किया. आसान पहुंच, ओडिया अस्मिता और केंद्रीय मदद के बूते बड़े पैमाने पर शुरू विकास के काम इसमें उसके औजार बन रहे
होशियार! गठरी में लगे महा डिजिटल ढंग
अमूमन दूसरे देशों के ठिकानों से साइबर अपराधी नेटवर्क अब टेक्नोलॉजी और फंसाने के मनोवैज्ञानिक तरीकों से जाल बिछाकर और फर्जी पुलिस और प्रवर्तन अफसरों का वेश धरकर सीधे सरल लोगों की जीवन भर की जमा-पूंजी उड़ा ले जा रहे
कुछ न कर पाने की कसक
कंग्रेस ने 16 दिसंबर, 2023 को जितेंद्र 'जीतू' पटवारी को मध्य प्रदेश का अपना नया अध्यक्ष बनाने का ऐलान किया था.
पुलिस तक पर्याप्त नहीं
गुजरात के तटीय इलाके में मादक पदार्थों की तस्करी और शहरी इलाकों में लगातार बढ़ती प्रवासी आबादी की वजह से राज्य पुलिस पर दबाव खासा बढ़ गया है. ऐसे में उसे अधिक क्षमता की दरकार है. मगर बल में खासकर सीनियर अफसरों की भारी कमी है. इसका असर उसके मनोबल पर पड़ रहा है.