दुखों का प्याला
India Today Hindi|November 29, 2023
भारत में चाय के कुल उत्पादन में पश्चिम बंगाल के चाय उद्योग की 26 फीसद हिस्सेदारी है. लेकिन इसे अब कम कीमतों और गिरते निर्यात जैसी चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है. अंदरखाने इस बात पर बहस जोर पकड़ने लगी है कि क्या से इसे फिर से पटरी पर लाया जा सकता है
अर्कमय दत्ता मजूमदार
दुखों का प्याला

चाय की तलब और इसे बनाने के तरीके, चाय के शौकीनों को हमेशा कुछ नया आजमाने को प्रेरित करते रहे हैं. लेकिन भारत में तकरीबन 20,000 करोड़ रुपए के इस उद्योग की स्थिति अब कुछ ऐसी हो गई है जिस पर खास ध्यान देने की जरूरत है. घरेलू बाजार में कीमतें गिरने और निर्यात में सुस्ती के कारण सितंबर माह से अब तक पश्चिम बंगाल में 16 चाय बागान बंद हो चुके हैं. इनमें आठ बागान - अंबोटिया, मूंदाकोटी, रोंगमुक सीडार, चोंगटोंग, मुल्लूतार, नागरी, पैंडोम और पेशोक - दार्जिलिंग जिले में स्थित हैं, जबकि तीन - कथलगुड़ी, बामनडांगा-तोंडु और सैमसिंग - जलपाईगुड़ी जिले में हैं. बाकी पांच बागान कलचीनी, रायमातांग, दालसिंहपारा, डालमोर और रामझोरा राज्य के अलीपुरद्वार जिले में हैं. अक्तूबर में त्योहारी सीजन शुरू होने के बीच बागानों के बंद होने से 10,000 से अधिक चाय बागान श्रमिकों का जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है.

भारतीय चाय संघ (आइटीए) जैसे बागान मालिकों के समूहों का कहना है कि कीमत वसूल न हो पाने और निर्यात में गिरावट ने बागान मालिकों के लिए नकदी संकट की स्थिति उत्पन्न कर दी है. हालांकि, अनित थापा के भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा से जुड़े हिल तराई डुआर्स प्लांटेशन वर्कर्स यूनियन जैसे श्रमिक संघों का दावा है कि बागान बंद करना पूर्व नियोजित था क्योंकि मालिक त्योहारी बोनस का भुगतान न करके श्रमिकों का वाजिब हक मारना चाहते थे. यूनियन अध्यक्ष जे. बी. तमांग का आरोप है कि बागान मालिक हमेशा मजदूरों को अपेक्षित भुगतान न करने के पीछे 'कारोबार में मंदी' का रोना रोते रहते हैं.

बेजार बाजार 

चाय उत्पादक भारत के विभिन्न स्थानों के साथ-साथ देश के बाहर भी चाय की बिक्री नीलामी केंद्रों के जरिये करते हैं. भारतीय चाय उत्पादकों के सबसे पुराने संगठन आइटीए की तरफ से वित्त वर्ष 2023-24 के लिए हालिया अध्ययन के मुताबिक, संगठित क्षेत्र में क्रश-टियर-कर्ल (सीटीसी) या डस्ट टी की नीलामी कीमतों में असम में 12.49 रुपए प्रति किलोग्राम और पश्चिम बंगाल में 11.30 रुपए प्रति किलोग्राम की गिरावट आई है.

Denne historien er fra November 29, 2023-utgaven av India Today Hindi.

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