संजय सलिल, 53 वर्ष संस्थापक और सीईओ, मीडियागुरु
बिहारशरीफ के एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ते हुए अक्सर ऐसा होता था कि उन्हें कक्षा के बाहर खड़ा बि होना पड़ता था क्योंकि वे समय पर फीस नहीं भर पाते थे. 'मीडियागुरु' के संस्थापक और सीईओ संजय सलिल यह किस्सा सुनाते वक्त कहते हैं, "मुझे तब लगता था कि ये दिन बदल जाएंगे. आज मेरा बेटा पंचम मेलबर्न यूनिवर्सिटी से पढ़ रहा है और बेटी दीया ने लंदन से पढ़ाई पूरी कर ली है. लेकिन हमारे वक्त तंगहाली थी."
नोएडा के सेक्टर-132 स्थित दफ्तर में संजय सलिल के अलावा करीब 10 लोग और दिखे जो मीडियागुरु के अगले कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे थे. संजय के टेबल की ऊंचाई जरूरत के मुताबिक कम-ज्यादा की जा सकती थी. संजय बताते हैं, “मैं हर एक घंटे बाद 10 मिनट खड़े होकर काम करता हूं इसलिए यह टेबल लगाई है." हालांकि बिहारशरीफ में पढ़ाई करते वक्त उनके पास सिर्फ नीचे बैठकर पढ़ने का ही विकल्प था.
बिहार के नालंदा से आने वाले संजय सलिल के पिता भरत प्रसाद सिंह बिहारशरीफ कचहरी में वकालत करते थे. घर में तीन भाईबहन थे. लेकिन बिहारशरीफ में उनके किराए के घर में सभी चचेरे भाइयों को मिलाकर कुल 14 लोग रहते थे क्योंकि वहां पढ़ाई ठीक होती थी. मां के पैर में दर्द रहा करता था जिसकी वजह से संजय और उनके सभी भाई चूल्हे पर खाना बनाया करते थे.
Denne historien er fra December 13, 2023-utgaven av India Today Hindi.
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