सांस्कृतिक साहिबा
नीता अंबानी, 60 वर्ष संस्थापक अध्यक्ष, रिलायंस फाउंडेशन और नीता मुकेश अंबानी सांस्कृतिक केंद्र (एनएमएसीसी)
नीता मुकेश अंबानी सांस्कृतिक केंद्र (एनएमएसीसी) में अपने कार्यालय में नीता अंबानी रिलायंस रिटेल के घरेलू लेबल स्वदेश की चमकदार लाल बनारसी साड़ी पहने पहुंचती हैं. अंबानी कहती हैं, मेड-इन-इंडिया "यहां सब कुछ है, टीवी को छोड़कर (जो जापानी है). " यहां टंगी मूल्यवान कृतियों में एक एन. एस. बेंद्रे की पेंटिंग है, जो 1986 में उन्होंने शादी के बाद खरीदी थी, और छत पर एक पिछवाई-पेंटेड पंखा है.
इंडिया टुडे के लिए फोटो शूट के बीच वे धीरूभाई अंबानी के इंटरनेशनल स्कूल के वार्षिक उत्सव और दुबई में आइपीएल नीलामी की तैयारी में व्यस्त हैं. इसके अलावा, रिलायंस फाउंडेशन के साथ धर्मार्थ कार्य और एनएमएसीसी में अगले बड़े प्रोडक्शन को लाने और बनाने की योजना है.
अंबानी कहती हैं, "सभी महिलाएं मल्टी-टास्कर होती हैं और जो कुछ मेरे बेटे आकाश और अनंत कर सकते हैं, मेरी बेटी ईशा भी कर सकती है. मेरा 11 दृढ़ विश्वास है कि जो महिलाएं नहीं कर सकतीं, वह काम नहीं किया जा सकता.
एनएमएसीसी उस सपने की परिणति है जो नीता अंबानी ने लंबे समय से देखा था कि देश में प्रदर्शन कला का ऐसा स्थान हो, जिस पर दुनिया रश्क करे. वे कहती हैं, "मैंने दुनिया भर में जितनी जगहों का दौरा किया, उनमें से थोड़ा-थोड़ा-सा हिस्सा लिया और अपने दिमाग में बातें बैठा लीं. " यह कला के प्रति अंबानी के जुनून को जाहिर करता है. कला से उनका जुड़ाव बचपन से है जब उन्होंने भरतनाट्यम सीखा था, और बाद में नरसी मोन्जी कॉलेज में अपने पढ़ाई के दिनों में अभिनय से भी जुड़ी थीं. अभिनय से तो वे दूर हो गईं, लेकिन नृत्य अभी भी उनके खून में है क्योंकि वे आज भी अभ्यास के लिए समय निकालती हैं.
Denne historien er fra January 03, 2024-utgaven av India Today Hindi.
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