सन् 2019 में गूगल भारत में छात्रों में के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित एक रीडिंग ट्यूटर ऐप लेकर आया था. एक भरी कक्षा में एआइ की मदद से किताबें पढ़ने को लेकर बच्चों में नजर आए उत्साह का वह क्षण मैं कभी नहीं भूल सकता. उस समय तक गूगल को टेक्नोलॉजी क्षेत्र में निवेश करते और उसमें हासिल सफलताएं देखते हुए कई साल बीत चुके थे. लेकिन उस दिन कक्षा में नजर आए दृश्य ने मुझे यह एहसास दिला दिया कि जीवन को बेहतर बनाने में एआइ की क्षमता कितनी अहम हो सकती है और इसे सही तरीके से आगे बढ़ाना हमारी महती जिम्मेदारी है.
अब मौजूदा स्थिति पर आते हैं. लाखों लोग जेनरेटिव एआइ-आधारित टूल इस्तेमाल कर रहे हैं जो एक साल पहले तक नहीं होते थे. हमारे साथ संवाद में सक्षम एआइ इंटरफेस बार्ड जैसे टूल का इस्तेमाल देश के लोग नौ अलग-अलग भारतीय भाषाओं में कर रहे हैं. फिर, अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में तमाम जटिल सवालों का जवाब तलाशने के लिए हमारा जेनरेटिव एआइ सर्च इंजन एसजीई है. बहरहाल, हम अभी उस बदलाव के शुरुआती चरण में ही हैं जो नवाचार में नई इबारत लिखने वाला साबित होगा, जिससे आर्थिक प्रगति में तेजी आएगी और हर जगह लोगों के लिए नए अवसर पैदा होंगे.
आगे संभावित अवसरों को ध्यान में रखकर ही हमने एआइ के प्रति ठोस और जिम्मेदाराना नजरिया अपनाया है. हम यह पक्का करने के लिए अपनी महत्वाकांक्षाओं पर मजबूती से टिके हैं कि हम जिन ऐप्लिकेशन को अपना रहे हैं, वे पूरी तरह उपयोगी हों और व्यापक असर डालने वाली हों. यह काम हम 2018 में निर्धारित एआइ सिद्धांतों के अनुपालन के साथ पूरी के जिम्मेदारी के साथ कर रहे हैं, जिसमें हमारी प्रतिबद्धता यही रही है कि एआइ को हानिकारक दुष्प्रभावों से बचाते हुए समाज की भलाई के लिए विकसित किया जाना चाहिए. हमारा अंतिम लक्ष्य दुनिया में हर किसी के लिए एआइ को और अधिक उपयोगी बनाना ही है.
Denne historien er fra January 17, 2024-utgaven av India Today Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra January 17, 2024-utgaven av India Today Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
मजबूत हाथों में भविष्य
भविष्य के बिजनेस लीडर्स को गढ़ने में बिजनेस स्कूलों की बेहद निर्णायक भूमिका है, ऐसा भविष्य जिसकी अगुआई टेक्नोलॉजी करेगी
कॉर्पोरेट के पारखी
आइआइएम कलकत्ता के छात्रों को महज बिजनेस दिग्गज बनने के लिए ही प्रशिक्षित नहीं किया जा रहा, वे पार्टनरशिप्स के जरिए राज्य की नौकरशाही को ऊर्जावान बनाने में भी मदद कर रहे
विरासत की बड़ी लड़ाई
बड़े दांव वाले शक्ति प्रदर्शन के लिए मैदान सज गया है, राजनैतिक दिग्गज और ताकतवर परिवार आदिवासी बहुल क्षेत्र पर कब्जे के लिए आ गए हैं आमने-सामने
कौन दमदार शिवसेना
महाराष्ट्र में किसका राज चलेगा, यह लोगों के वोट से तय होगा लेकिन साथ ही यह भी तय होगा कि कौन-सी शिवसेना असली है-ठाकरे की या शिंदे की
सीखने का सुखद माहौल
स्वास्थ्य प्रबंधन में एक नए पाठ्यक्रम से लेकर ब्लॉकचेन तकनीक पर केंद्रित कार्यक्रम तक, आइआइएम लखनऊ अपने नए ईकोसिस्टम के साथ अग्रणी भूमिका निभा रहा
ट्रंप की नजर में दुनिया
अमेरिका के लोगों ने दूसरी बार डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अपनी आस्था जताई है. ऐसे में भारत और बाकी दुनिया इस बात के लिए अपने को तैयार कर रही कि व्यापार और भू-राजनीतिक व्यवस्था के संदर्भ में 47वें राष्ट्रपति के अमेरिका-प्रथम के एजेंडे का आखिर क्या मायने होगा?
नवाचार की शानदार चमक
इस संस्थान में शिक्षा का मतलब ऐसे समाधान तैयार करना है जिनके केंद्र में देश की सामाजिक वास्तविकता मजबूती से जुड़ी हो
योगी बनाम अखिलेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अगस्त को आगरा में ताज महल पश्चिमी द्वार स्थित पुरानी मंडी चौराहे पर दुर्गादास राठौर मु की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे.
लैब कॉर्पोरेट लीडरशिप की
सख्त एकेडमिक अनुशासन, रिसर्च पर फोकस और विश्वस्तरीय गुणवत्ता के जरिए आइआइएम-के बिजनेस एजुकेशन की नई परिभाषा गढ़ रहा
सत्ता पर दबदबे की नई होड़
इन दिनों धुंध की मोटी चादर में लिपटी कश्मीर घाटी में छह साल के इंतजार के बाद नई उम्मीद जगी है. केंद्र शासित प्रदेश की नवनिर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की सरकार ने आते ही अपने इरादे साफ कर दिए - जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाना उनका पहला संकल्प है.