एक साल पहले तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) को कंप्यूटर साइंस और प्रौद्योगिकी क्षेत्र से जुड़े लोगों के बीच गहन तकनीकी चर्चा का विषय माना जाता था. चैटजीपीटी नवंबर, 2022 में जारी किया गया और उसके बाद दुनिया में आए बदलाव से हम वाकिफ हैं. अचानक, कविता लिख रहे पांचवीं कक्षा के छात्र से लेकर जटिल वित्तीय बही-खाते का विश्लेषण करने की कोशिश कर रहे सीएफओ तक सभी लोग एआइ की मदद से बेहद कम समय में कुछ सार्थक नतीजे हासिल करने में सक्षम हो गए. यह क्रांतिकारी बदलाव है, जो इंटरनेट का इस्तेमाल शुरू होने के बाद से अब तक नहीं देखा गया था.
चैटजीपीटी एक ऐप्लिकेशन है और जीपीटी नामक एआइ मॉडल के इस्तेमाल पर आधारित है, जिसका पूरा नाम जेनरेटिव प्रीट्रेंड ट्रांसफॉर्मर होता है. इस एआइ मॉडल को 'लार्ज लैंग्वेज मॉडल' (एलएलएम) कहा जाता है और इसे परस्पर जेनरेटिव एआइ या जेन-एआइ के साथ इस्तेमाल किया जाता है. एआइ के इतिहास को तीन दौर (एरा) में बांटा जा सकता हैं, 1. प्री-डीप लर्निंग एरा, 2. डीप-लर्निंग एरा और 3. जेनरेटिव एआइ एरा. हालांकि, एआइ शब्द को 1950 के दशक (प्री-डीप लर्निंग एरा) से ही इस्तेमाल किया जाने लगा था, जेन-एआइ के नवीनतम युग की शुरुआत 2017 में गूगल शोधकर्ताओं के एक शोधपत्र के प्रकाशन के साथ हुई, जिसका शीर्षक था 'अटेंशन इज ऑल यू नीड'. वैसे तो, एआइ जेन-एआइ काल से पहले ही उपयोगी साबित हो चुका था. लेकिन सही तरीके से अमल के लिए गहन विशेषज्ञता की जरूरत को देखते हुए इसे अपनाने की प्रक्रिया सीमित रही. जेन-एआइ में एंड-यूजर के एक बड़े वर्ग को बहुत गूढ़ ज्ञान के बिना भी एआइ के इस्तेमाल में सक्षम बनाने की क्षमता है, जैसा चैटजीपीटी को तेजी से अपनाए जाने से पता चलता है. जेन-एआइ के पास वैश्विक स्तर पर अरबों डॉलर की कमाई कराने, वैश्विक आर्थिक विकास और सभी लोगों के जीवनस्तर में सुधार लाने की असीम क्षमता है.
Denne historien er fra January 17, 2024-utgaven av India Today Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra January 17, 2024-utgaven av India Today Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
मजबूत हाथों में भविष्य
भविष्य के बिजनेस लीडर्स को गढ़ने में बिजनेस स्कूलों की बेहद निर्णायक भूमिका है, ऐसा भविष्य जिसकी अगुआई टेक्नोलॉजी करेगी
कॉर्पोरेट के पारखी
आइआइएम कलकत्ता के छात्रों को महज बिजनेस दिग्गज बनने के लिए ही प्रशिक्षित नहीं किया जा रहा, वे पार्टनरशिप्स के जरिए राज्य की नौकरशाही को ऊर्जावान बनाने में भी मदद कर रहे
विरासत की बड़ी लड़ाई
बड़े दांव वाले शक्ति प्रदर्शन के लिए मैदान सज गया है, राजनैतिक दिग्गज और ताकतवर परिवार आदिवासी बहुल क्षेत्र पर कब्जे के लिए आ गए हैं आमने-सामने
कौन दमदार शिवसेना
महाराष्ट्र में किसका राज चलेगा, यह लोगों के वोट से तय होगा लेकिन साथ ही यह भी तय होगा कि कौन-सी शिवसेना असली है-ठाकरे की या शिंदे की
सीखने का सुखद माहौल
स्वास्थ्य प्रबंधन में एक नए पाठ्यक्रम से लेकर ब्लॉकचेन तकनीक पर केंद्रित कार्यक्रम तक, आइआइएम लखनऊ अपने नए ईकोसिस्टम के साथ अग्रणी भूमिका निभा रहा
ट्रंप की नजर में दुनिया
अमेरिका के लोगों ने दूसरी बार डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अपनी आस्था जताई है. ऐसे में भारत और बाकी दुनिया इस बात के लिए अपने को तैयार कर रही कि व्यापार और भू-राजनीतिक व्यवस्था के संदर्भ में 47वें राष्ट्रपति के अमेरिका-प्रथम के एजेंडे का आखिर क्या मायने होगा?
नवाचार की शानदार चमक
इस संस्थान में शिक्षा का मतलब ऐसे समाधान तैयार करना है जिनके केंद्र में देश की सामाजिक वास्तविकता मजबूती से जुड़ी हो
योगी बनाम अखिलेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अगस्त को आगरा में ताज महल पश्चिमी द्वार स्थित पुरानी मंडी चौराहे पर दुर्गादास राठौर मु की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे.
लैब कॉर्पोरेट लीडरशिप की
सख्त एकेडमिक अनुशासन, रिसर्च पर फोकस और विश्वस्तरीय गुणवत्ता के जरिए आइआइएम-के बिजनेस एजुकेशन की नई परिभाषा गढ़ रहा
सत्ता पर दबदबे की नई होड़
इन दिनों धुंध की मोटी चादर में लिपटी कश्मीर घाटी में छह साल के इंतजार के बाद नई उम्मीद जगी है. केंद्र शासित प्रदेश की नवनिर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की सरकार ने आते ही अपने इरादे साफ कर दिए - जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाना उनका पहला संकल्प है.