अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के कुछ ही दिन पहले ओडिशा में पुरी का प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर शानदार नई साजसज्जा से जगमगा उठा. ओडिशा सरकार ने 17 जनवरी को 800 करोड़ रुपए की लागत से 12वीं सदी के इस धर्मस्थल के चारों ओर हेरिटेज कॉरिडोर के निर्माण की महत्वाकांक्षी मंदिर परियोजना का उद्घाटन किया. श्री मंदिर परिक्रमा प्रकल्प (एसएमपीपी) का मकसद श्रद्धालुओं के लिए आधुनिक सुविधाओं के साथ बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाना है. यह परियोजना हिंदुओं के सबसे पवित्र तीर्थ केंद्रों में से एक पुरी का विश्वस्तरीय धरोहर शहर के रूप में कायापलट करने के 4,200 करोड़ रुपए के कार्यक्रम का हिस्सा है. आधारभूत सुविधाओं का संवर्धन और विरासत तथा वास्तुकला का विकास (एबीएडीएचए) कार्यक्रम का खास जोर तीर्थयात्रा के अनुभव को और शानदार बनाने पर है.
छत्तीसगढ़ के भिलाई से पूर्वी राज्यों की हफ्ते भर की तीर्थयात्रा पर आए 50 सदस्यों के दस्ते की अगुआई कर रहे 52 वर्षीय किसान मनोज ठाकुर कहते हैं, "यह वह पुरी नहीं है जिसे हम जानते थे. हमारे इस पसंदीदा तीर्थस्थल में कितना स्वागतयोग्य बदलाव आ गया है. " मनोज कहते हैं कि उन्हें जरा उम्मीद नहीं थी कि मंदिर तक पहुंचने के लिए वे वातानुकूलित और छायादार रास्तों से होकर गुजरेंगे. उनके दोस्त 50 वर्षीय पंचू राम हवा में हाथ लहराते हुए ऊंची आवाज में कहते हैं, "जय जगन्नाथ ! सबसे अच्छी बात यह है कि अब हम आनुष्ठानिक परिक्रमा कर सकते हैं." परिक्रमा परियोजना में जगन्नाथ मंदिर के चारों तरफ 75 मीटर चौड़ा गलियारा भी है, जहां से तीर्थयात्री मंदिर को देखते हुए उसके चारों ओर घूम सकते हैं.
Denne historien er fra February 07, 2024-utgaven av India Today Hindi.
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