भारत का दबदबा
India Today Hindi|March 20, 2024
अबू धाबी में विश्व व्यापार संगठन (डबल्यूटीओ) के 13वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (एमसी 13) में विचार विमर्श के लिए शामिल होने में भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को भले ही दो दिन की देर हो गई हो लेकिन जैसे ही वे पहुंचे, उनकी मौजूदगी का एहसास हुआ.
अनिलेश एस. महाजन
भारत का दबदबा

भारत ने दक्षिण अफ्रीका के साथ मिलकर चीन के लाए गए इन्वेस्टमेंट फैसिलिटेशन डेवलपमेंट (आइएफडी) एग्रीमेंट को रोका जो प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर गैर व्यापार की संभावित बाधाएं खड़ी कर देता. प्रशांत देशों के समूह को फिश सब्सिडी पर साथ लिया और गहरे समुद्र में हो रही अनियमित और सब्सिडाइज्ड मछली पकड़ने पर पश्चिमी देशों को किनारे किया. भारत ने अपने और विकासशील देशों के हितों पर जोर दिया.

यह पहले ही साफ था कि 26 फरवरी से 2 मार्च के बीच हुए इस दौर की बातचीत में नतीजा निकलने की उम्मीद नहीं है. फिर भी 164 सदस्य देशों के इस निकाय पर व्यापार नियमों पर सहमति हासिल करने का दबाव था. व्यापार नियम कई वैश्विक बाधाओं के कारण और जटिल हो गए थे. नई दिल्ली का ज्यादातर रुख घरेलू जटिलताओं से संचालित था. लेकिन भारत ने आर्थिक और राजनयिक तौर पर देश के बढ़ते दबदबे को भी पेश किया. महत्वपूर्ण मसलों और उनके नतीजों पर एक नजर:

निवेश सुगमता

मसलाः कोई 123 देशों की सहमति वाले आइएफडी एग्रीमेंट का लक्ष्य निवेश माहौल सुधारना और एफडीआइ प्रोत्साहित करना है.

Denne historien er fra March 20, 2024-utgaven av India Today Hindi.

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