भर्ती परीक्षाओं में नकल या अन्य फर्जी तरीके से पास होने वाले एक-दो मुन्नाभाइयों के कारनामे गाहे-बगाहे सामने आते रहे हैं, मगर राजस्थान में तो सब-इंस्पेक्टरों (एसआइ) की भर्ती में सफलता पाने वाले ज्यादातर मुन्नाभाई निकले. इस परीक्षा में बहुत कुछ फर्जी था. फर्जी अभ्यर्थी, फर्जी डिग्री के साथ-साथ फर्जी पर्यवेक्षक के जरिए सैकड़ों फर्जी लोगों को एसआइ बना दिया गया. कई ऐसे अनपढ़ लोग भी एसआइ बन गए जिन्हें एफआइआर की परिभाषा और राष्ट्रपति तक का नाम नहीं मालूम था. परीक्षा में टॉप करने वाला भी पेपर खरीदार निकला.
साल 2021 में 859 पदों के लिए हुई इस भर्ती परीक्षा में फर्जी तरीके से पास हुए 50 अभ्यर्थी पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं और करीब 100 से ज्यादा पुलिस के रडार पर हैं. राजस्थान पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) हर रोज किसी न किसी एसआई को गिरफ्तार कर नए खुलासे कर रही है. राजस्थान की मौजूदा भजन लाल सरकार में कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने दावा किया है कि इस परीक्षा में 400 अभ्यर्थियों का चयन फर्जी तरीके से हुआ है. इनमें बड़ी तादाद में लड़कियां भी शामिल हैं. स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) राजस्थान पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग ले रही छह लड़कियों को गिरफ्तार कर चुका है. इतने बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद अब एसओजी ने भर्ती में पास हुए 640 अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड में लगी फोटो को मिलाने, उनकी डिग्रियों की जांच और उपस्थिति रजिस्टर में किए गए हस्ताक्षर की एफएसएल जांच कराने का फैसला किया है.
राजस्थान लोक सेवा आयोग ने एसआइ भर्ती परीक्षा आयोजित की थी. 11 जिलों के 802 परीक्षा केंद्रों पर हुई लिखित परीक्षा में 3,80,000 परीक्षार्थी शामिल हुए. हालांकि, एसआई भर्ती के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या 7,97,000 थी. 24 दिसंबर, 2021 को जारी हुए लिखित परीक्षा के परिणाम में 18,787 अभ्यर्थी पास हुए. उनमें से फिजिकल और साक्षात्कार के बाद 1 जून, 2023 को 795 अभ्यर्थियों की अंतिम चयन सूची जारी की गई. उसके साथ ही सोशल मीडिया पर ये संदेश घूमने लगे कि अकेले जालौर और सांचौर से ही 100 से ज्यादा अभ्यर्थियों का चयन हुआ है.
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