जुझारूपन, दृढ़ता और मानसिक/शारीरिक ताकत किसी भी प्रयास को सफलता में बदल सकती है और विफल होने का डर दूर करने में मददगार हो सकती है. उन महिला नेत्रियों के लिए यह सफलता का मंत्र था जब वे 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मुंबई में 'ड्राइवर ऑफ चेंज' के मौके पर एकत्र हुईं और अपने काम और जिंदगी के बारे में बात की. भारत की प्रमुख एसयूवी निर्माता कंपनी महिंद्रा ऐंड महिंद्रा लिमिटेड के साथ इंडिया टुडे समूह द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों की बदलाव लाने वाली महिलाएं शामिल हुईं. इनमें कंपनी क्षेत्र की अग्रणी, विशेष बलों की प्रशिक्षक, वैज्ञानिक, सामाजिक कार्यकर्ता, राजनेता, अभिनेत्रियां और संगीतकार शामिल थीं जिन्होंने अपने संघर्ष और सफलता की प्रेरक कहानियों के बारे में बताया. जब उन्होंने अपनी जिंदगी के किस्से बयान किए तो संदेश स्पष्ट था: जब महिलाएं नेतृत्व करती हैं तो दुनिया आगे बढ़ती है. कार्यक्रम में महिंद्रा राइज ड्राइवर्स ऑफ चेंज पहल शुरू की गई. केंद्र के 'विकसित भारत' लक्ष्य के अनुरूप इस पहल का उद्देश्य उपलब्धि हासिल करने वाली उन महिलाओं को सम्मानित करना है जो भारत की प्रगति को विकसित और समाविष्ट समाज बनाने की दिशा में बदलाव की वाहक हैं.
Denne historien er fra April 03, 2024-utgaven av India Today Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra April 03, 2024-utgaven av India Today Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
लीक से हटकर
मध्य प्रदेश में जंगली सैर से लेकर लद्दाख में पश्मीना के इतिहास को जानने तक, हमने कुछ खास यात्रा अनुभवों की सूची तैयार की है जो आपको एक अनदेखे भारत के करीब ले जाएंगे
खूबसूरत काया का जलवा
भारत की खूबसूरत बालाएं और वैश्विक सौंदर्य प्रतियोगिताएं, लगता है नब्बे के दशक से एक-दूसरे के लिए ही बनी हैं. और यह सिर्फ किस्मत की बात नहीं. खिताब जीतने वाली कई सुंदरियों ने बाद में इसके सहारे अपने करियर को बुलंदियों पर पहुंचाया
खरीदारी का मॉडर्न ठिकाना
शॉपिंग मॉल भारत में '90 के दशक की ऐसी अनूठी घटना है जिसने भारतीय मध्य वर्ग की खरीद के तौर-तरीकों को बदल दिया. 'खरीदारी के साथ-साथ मनोरंजन' केंद्र होने की वजह से वे अब कामयाब हैं. वहां हर किसी के लिए कुछ न कुछ है
छलकने लगे मस्ती भरे दिन
यूबी की किंगफिशर ने 1990 के दशक में बीयर को कूल बना दिया. तब से घरेलू अल्कोहल उद्योग के जोशीले दिन कभी थमे नहीं
डिस्को का देसी अंदाज
घर हो या कोई भी नुक्कड़-चौराहा, हर तरफ फिल्मी गानों की बादशाहत कायम थी. उसके अलावा जैसे कुछ सुनाई ही नहीं पड़ता था. तभी भारतीय ब्रिटिश गायकसंगीतकार बिट्टू ने हमें नाजिया से रू-ब-रू कराया, जिनकी आवाज ने भारतीयों को दीवाना बना दिया. सच में लोग डिस्को के दीवाने हो गए. इसके साथ एक पूरी शैली ने जन्म लिया
जिस लीग ने बनाई नई लीक
लगातार पड़ते छक्के, स्टैंड में बॉलीवुड सितारों और नामी कॉर्पोरेट हस्तियों और सत्ता- रसूखदारों की चकाचौंध, खूबसूरत बालाओं के दुमके - आइपीएल ने भद्रलोक के इस खेल को रेव पार्टी सरीखा बना डाला, जहां हर किसी की चांदी ही चांदी है
आनंद की विरासत
विश्वनाथन आनंद अचानक ही सामने आए और दुनिया फतह कर ली. गुकेश के साथ 2024 में भारत को मिली उपलब्धि उसी विरासत का हिस्सा है
जब स्वच्छता बन गया एक आंदोलन
सामूहिक शर्म से लेकर राष्ट्रीय गौरव तक, खुले में शौच का चलन खत्म करने के देश के सफर में मजबूत सियासी इच्छाशक्ति और नेतृत्व के साथ-साथ समुदाय, कॉर्पोरेट और सेलेब्रिटी के मिलकर काम करने की दास्तान शामिल
जब मौन बन गया उद्घोष
एक पनबिजली परियोजना के विरोध में पर्यावरणविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, कवियों और पत्रकारों ने मिलकर जन जागरुकता अभियान चलाया और भारत के अब बचीखुची उष्णकटिबंधीय वर्षावनों में से एक, केरल की साइलेंट वैली को बचाने में कामयाब रहे।
बताने को मजबूर हुए बाबू
जमीनी स्तर पर संघर्ष से जन्मे इस ऐतिहासिक कानून ने भारत में लाखों लोगों के हाथों में सूचना का हथियार थमाकर गवर्नेस को न सिर्फ बदल दिया, बल्कि अधिकारों की जवाबदेही भी तय करने में बड़ी भूमिका निभाई