झीनी होती रेशमी चदरिया और बेपर्दा गरीबी
India Today Hindi|May 01, 2024
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में बिहार की जिन पांच सीटों पर वोट पड़ने हैं, उनका कोई न कोई रिश्ता रेशम उद्योग से जुड़ा है, मगर लाखों लोगों की उम्मीद रहा यह उद्योग इन दिनों आखिरी सांसें गिन रहा है और हैरत की बात है कि इस चुनावी शोर में इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं दिखता
पुष्यमित्र
झीनी होती रेशमी चदरिया और बेपर्दा गरीबी

सिल्क का नाम सुनते ही नूतन देवी के मन में यादों के पन्ने फड़फड़ाने लगते हैं. कभी उनके आंगन में रेशम के कीट पलते थे. नूतन के खेतों में ही उगे शहतूत के पत्तों को खाकर वे कीड़े कोकून बनाते. फिर कोकून को लेकर वे बंगाल चली जातीं, रेशम का धागा तैयार करवातीं. इन धागों को भागलपुर के बुनकर सिल्क के कपड़ों में बदल देते. तैयार सिल्क के कपड़ों को वे घूम-घूमकर पूर्णिया, पटना और दिल्ली के मेलों में बेचतीं. इन कपड़ों का कौशिकी सिल्क के नाम से ब्रांड भी बना था.

वे झट से एक आखिरी बची सिल्क की साड़ी उठा ले आती हैं. नूतन साड़ी दिखाते हुए कहती हैं, "यह साड़ी इसी पूर्णिया की मिट्टी की बनी है, कभी हम लोगों ने सोचा तक नहीं था कि ऐसा होगा. मगर हुआ." उनके पति अपने मोबाइल में सेव 'मन की बात' के उस एपिसोड को सुनाने लगते हैं, जिसमें प्रधानमंत्री ने नूतन और पूर्णिया के धमदाहा की इन महिला उद्यमियों की खूब तारीफ की थी.

पीएम मोदी 23 फरवरी, 2020 को प्रसारित इस कार्यक्रम में कहते हैं, "ये वह इलाका है, जो दशकों से बाढ़ की त्रासदी से जूझता रहा है. ऐसे में यहां खेती और आय के अन्य संसाधनों को जुटाना मुश्किल काम है. मगर इन्हीं परिस्थितियों में पूर्णिया की महिलाओं ने एक नई शुरुआत की और पूरी तसवीर ही बदल कर रख दी है." नूतन फिर उस कॉफी टेबल बुक को उठा लाती हैं, जिसमें देश भर की ग्रामीण औरतों की सफलता की कहानी दर्ज है. इसमें दो पन्ने पूर्णिया की उन महिलाओं के बारे में भी हैं, जो सिल्क तैयार करती थीं. इस समूह की संचालिका के तौर पर नूतन देवी की खास तारीफ की गई है.

कॉफी टेबल बुक को बंद करके किनारे रखकर नूतन सांस भरते हुए कहती हैं, "जैसे लगता है वह कोई सपना था. सपना खतम हो गया. अब धमदाहा के किसी गांव में जाइए, एक भी औरत आपको रेशम कीट पालती नजर नहीं आएगी. सब लोग मशीन हटाकर छप्पर पर रख दिए हैं. खेतों से शहतूत के पौधे हटा दिए हैं. अब फिर से सब लोग मकई, गेहूं और धान की खेती करने लगे हैं." 

Denne historien er fra May 01, 2024-utgaven av India Today Hindi.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

Denne historien er fra May 01, 2024-utgaven av India Today Hindi.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

FLERE HISTORIER FRA INDIA TODAY HINDISe alt
परदेस में परचम
India Today Hindi

परदेस में परचम

भारतीय अकादमिकों और अन्य पेशेवरों का पश्चिम की ओर सतत पलायन अब अपने आठवें दशक में है. पहले की वे पीढ़ियां अमेरिकी सपना साकार होने भर से ही संतुष्ट हो ती थीं या समृद्ध यूरोप में थोड़े पांव जमाने का दावा करती थीं.

time-read
4 mins  |
November 13, 2024
भारत का विशाल कला मंच
India Today Hindi

भारत का विशाल कला मंच

सांफ्ट पावर से लेकर हार्ड कैश, हाई डिजाइन से लेकर हाई फाइनेंस आदि के संदर्भ में बात करें तो दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह भारत की शीर्ष स्तर की कला हस्तियां भी भौतिक सफलता और अपनी कल्पनाओं को परवान चढ़ाने के बीच एक द्वंद्व को जीती रहती हैं.

time-read
3 mins  |
November 13, 2024
सपनों के सौदागर
India Today Hindi

सपनों के सौदागर

हम ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां मनोरंजन से हौवा खड़ा हो है और उसी से राहत भी मिलती है.

time-read
4 mins  |
November 13, 2024
पासा पलटने वाले महारथी
India Today Hindi

पासा पलटने वाले महारथी

दरअसल, जिंदगी की तरह खेल में भी उतारचढ़ाव का दौर चलता रहता है.

time-read
4 mins  |
November 13, 2024
गुरु और गाइड
India Today Hindi

गुरु और गाइड

अल्फाज, बुद्धिचातुर्य और हास्यबोध उनके धंधे के औजार हैं और सोशल मीडिया उनका विश्वव्यापी मंच.

time-read
4 mins  |
November 13, 2024
निडर नवाचारी
India Today Hindi

निडर नवाचारी

खासी उथल-पुथल मचा देने वाली गतिविधियों से भरपूर भारतीय उद्यमिता के क्षेत्र में कुछ नया करने वालों की नई पौध कारोबार, टेक्नोलॉजी और सामाजिक असर पैदा करने के नियम नए सिरे से लिख रही है.

time-read
4 mins  |
November 13, 2024
अलहदा और असाधारण शख्सियतें
India Today Hindi

अलहदा और असाधारण शख्सियतें

किसी सर्जन के चीरा लगाने वाली ब्लेड की सटीकता उसके पेशेवर कौशल की पहचान होती है.

time-read
6 mins  |
November 13, 2024
अपने-अपने आसमान के ध्रुवतारे
India Today Hindi

अपने-अपने आसमान के ध्रुवतारे

महानता के दो रूप हैं. एक वे जो अपने पेशे के दिग्गजों के मुकाबले कहीं ज्यादा चमक और ताकत हासिल कर लेते हैं.

time-read
10 mins  |
November 13, 2024
बोर्डरूम के बादशाह
India Today Hindi

बोर्डरूम के बादशाह

ढर्रा-तोड़ो या फिर अपना ढर्रा तोड़े जाने के लिए तैयार रहो. यह आज के कारोबार में चौतरफा स्वीकृत सिद्धांत है. प्रतिस्पर्धा से प्रेरित होकर भारत के सबसे ताकतवर कारोबारी अगुआ अपने साम्राज्यों को मजबूत कर रहे हैं. इसके लिए वे नए मोर्चे तलाश रहे हैं, गति और पैमाने के लिए आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस सरीखे उथल-पुथल मचा देने वाले टूल्स का प्रयोग कर रहे हैं और प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए नवाचार बढ़ा रहे हैं.

time-read
9 mins  |
November 13, 2024
देश के फौलादी कवच
India Today Hindi

देश के फौलादी कवच

लबे वक्त से माना जाता रहा है कि प्रतिष्ठित शख्सियतें बड़े बदलाव की बातें करते हुए सियासी मैदान में लंबे-लंबे डग भरती हैं, वहीं किसी का काम अगर टिकता है तो वह अफसरशाही है.

time-read
10 mins  |
November 13, 2024