इटावा जिले से मैनपुरी को जाने वाले हाइवे पर 23 किलोमीटर चलने के बाद दाहिनी ओर एक चौड़ी सड़क सैफई गांव की ओर जाती है. यह समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का पैतृक गांव है. गांव के पूर्वी पर उनकी कोठी एक बार फिर लोकसभा चुनाव में सपा की राजनैतिक गतिविधियों का केंद्र है. यहीं रहकर मुलायम परिवार की बड़ी बहू और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव मैनपुरी लोकसभा सीट सपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रही हैं. इस कोठी की सरगर्मियां 24 अप्रैल की सुबह और भी ज्यादा बढ़ गईं जब अखिलेश यहां कुछ सपा नेताओं और अपने चाचा व पार्टी के प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव के साथ चुनावी मंत्रणा कर रहे थे. यह मंत्रणा कन्नौज लोकसभा सीट से मुलायम के पौत्र और अखिलेश के भतीजे तेज प्रताप यादव के उम्मीदवार घोषित होने के एक दिन बाद हो रही थी. वैसे, 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद से ही सपा का गढ़ रहे कन्नौज में अखिलेश की सक्रियता को देखते हुए उनके इस सीट से चुनाव लड़ने की अटकलें लग रही थीं. लेकिन 22 अप्रैल को तेज प्रताप के नाम की घोषणा होते ही कन्नौज के सपा कार्यकर्ता नाराज हो गए.
अगले दिन कन्नौज के सपा नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल लखनऊ के सपा कार्यालय में अखिलेश से मिला. सपा नेताओं का तर्क था कि अगर अखिलेश कन्नौज से नहीं लड़ते हैं तो इस बार भी यहां का नतीजा पिछली बार जैसा ही होगा जब डिंपल को हार का सामना करना पड़ा था. कार्यकर्ताओं की राय पर अखिलेश ने सैफई में रामगोपाल, डिंपल और तेज प्रताप के साथ मिलकर मशविरा किया. इसके बाद ही अखिलेश ने कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया. इस फैसले से तेज प्रताप को दूसरी बार निराशा हाथ लगी. इससे पहले उन्हें रामपुर लोकसभा से उम्मीदवार बनाने के निर्णय से भी पार्टी को पलटना पड़ा था. इसके बावजूद मुलायम परिवार एकजुट दिखाई दिया.
Denne historien er fra May 08, 2024-utgaven av India Today Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra May 08, 2024-utgaven av India Today Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
शादी का म्यूजिकल
फ़ाज़ा जलाली पृथ्वी थिएटर फेस्टिवल में इस बार भारतीय शादियों पर मजेदार म्यूजिकल कॉमेडी रनअवे ब्राइड्स लेकर हाजिर हुईं
शातिर शटल स्टार
हाल में एक नए फॉर्मेट में इंडोनेशिया में शुरू नई अंतरराष्ट्रीय लीग बैडमिंटन -एक्सएल के पहले संस्करण में शामिल अश्विनी पोनप्पा उसमें खेलने वाली इकलौती भारतीय थीं
पुराने नगीनों का नया नजराना
पुराने दिनों की गुदगुदाने वाली वे सिनेमाई यादें आज के परदे पर कैसी लगेंगी भला ! इसी जिज्ञासा का नतीजा है कि कई पुरानी फिल्में फिर से सिनेमाघरों में रिलीज हो रहीं और दर्शकों को खींचकर ला रहीं
जख्म, जज्बात और आजादी
निखिल आडवाणी के निर्देशन में बनी फ्रीडम ऐट मिडनाइट पर आधारित सीरीज में आजादी की उथल-पुथल से एक मुल्क बनने तक की कहानी
किस गफलत का शिकार हुए बाघ?
15 बाघों की गुमशुदगी के पीछे स्थानीय वन अधिकारियों की ढीली निगरानी व्यवस्था, राजनैतिक दबाव और आंकड़ों की अविश्वसनीयता है
कंप्यूटिंग में नई क्रांति की कवायद
आइआइएससी के शोधकर्ताओं ने मस्तिष्क प्रेरित कंप्यूटिंग की दिशा में लंबी छलांग लगाते हुए एक ऐसा उपकरण तैयार किया है जो न्यूरल सिनेप्सेज की तरह सूचनाओं को प्रोसेस करता है. इसमें रफ्तार, क्षमता और डेटा सुरक्षा की भरपूर संभावना
चीन की चुनौती
जैसे-जैसे भारत और चीन के बीच तनाव कम हो रहा और व्यापार बढ़ रहा है, भारत के सामने सस्ते चीनी आयात को किनारे लगाने तथा घरेलू उद्योग की जरूरतों को प्रोत्साहित करने की कठिन चुनौती
कौन सवारी करेगा मराठा लहर पर
मराठा समुदाय के लोगों में आक्रोश है और मनोज जरांगे - पाटील के असर में मराठवाड़ा 'से आखिरकार यह भी तय हो सकता है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की बाजी किसके हाथ लगेगी
फिर बना सियासत का मर्कज
सुप्रीम कोर्ट ने पलटा 1968 में अजीज बाशा मामले में दिया गया फैसला. भाजपा नेताओं के निशाने पर आया एएमयू, आरक्षण, तालीम पर उठा रहे सवाल
जानलेवा तनाव
भारतीय कंपनियों में गैर - सेहतमंद कार्य - संस्कृति से कर्मचारियों की जान पर बन आई है. इससे वे तरह-तरह की मानसिक और शारीरिक बीमारियों की चपेट में आ रहे और कई मौकों पर तो यह कल्चर उनके लिए मौत का सबब बन रही