"कांग्रेस का जोर मुस्लिम लीग के एजेंडे और वामपंथी प्रोपेगैंडा पर"
India Today Hindi|June 05, 2024
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को यकीन है कि उनकी पार्टी और सहयोगी दल 400 का निशान पार करने की राह पर हैं. ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर राज चेंगप्पा और डिप्टी एडिटर अनिलेश एस. महाजन के साथ इस एक्सक्लूसिव बातचीत में उनका कहना है कि भाजपा दो साल पहले से इस चुनाव की तैयारी कर रही थी जबकि विरोधी मामूली तैयारी करके चले आए और लड़ने का संकल्प तक नहीं दिखा रहे. संपादित अंशः
राज चेंगप्पा और अनिलेश एस. महाजन
"कांग्रेस का जोर मुस्लिम लीग के एजेंडे और वामपंथी प्रोपेगैंडा पर"

प्रः 2014 और 2019 के मुकाबले इस चुनाव में क्या फर्क है?

हर चुनाव वक्त के साथ और एक राज्य से दूसरे राज्य में अपने मिजाज में बदलता रहता है. 2014 में वोट बदलाव के लिए था. वोटर नाराज थे, असंतुष्ट थे और काफी नकारात्मकता थी. विकल्प प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी थे. मतदाताओं ने भारी अंतर से हमारा समर्थन किया. 2019 में उन्होंने देखा कि पीएम मोदी ने उनकी उम्मीदों से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया था तो इसलिए फिर उन्हें सत्ता में लाने के लिए वोट दिया. 2024 में यह विश्वास बन गया है कि प्रधानमंत्री की अगुआई में देश सुरक्षित है, विकास कर रहा है और उनके नेतृत्व में विकसित भारत की परिकल्पना है. फर्क इतना ही दिखाई देता है कि पिछली बार विपक्ष मुद्दों की बात कर रहा था, उनके पास फिर भी कुछ था, कुछ ठोस था. वे लड़ाई लड़ रहे थे. इस बार वे बस टूटे और बिखरे हैं. वे लड़ने का ढोंग कर रहे हैं पर भीतर से उन सबने हार स्वीकार कर ली है. मिसाल के तौर पर, पिछली बार उन्होंने यूपी में हमें टक्कर दी थी. विपक्ष के पास मजबूत गठजोड़ था और उन्होंने एड़ी-चोटी का जोर लगाकर लड़ाई लड़ी. इस बार उन्होंने हथियार डाल दिए. वे (अपने गढ़ रायबरेली, कन्नौज और मैनपुरी भी हार रहे हैं. वे जो मुद्दे उठा रहे थे, जनता उन्हें पहले ही नकार चुकी है. मैं दो साल से कह रहा हूं कि अगर आपको विपक्ष की राजनीति करनी है तो लीक से हटकर सोचना होगा और कड़ी मेहनत करनी होगी. आप नहीं करते तो यह हमारी गलती थोड़े ई है.

इस चुनाव में मुख्य मुद्दे क्या हैं?

सबसे पहली बात तो यह कि मतदाता पहले ही अपना मन बना चुके हैं. विपक्ष अगर सोचता है कि चुनाव प्रचार से कुछ बदलेगा, तो वे गलत सोचते हैं. हमारे लिए मुख्य मुद्दे हैं-विकास, उस विकास को गति देना; गति, पैमाना और कौशल बढ़ाना. सबसे बढ़कर चीजों को मुख्यधारा में लाना और जनता को सशक्त बनाना हमारी शीर्ष प्राथमिकताएं हैं-महिलाओं का सशक्तिकरण, युवाओं का सशक्तिकरण, हाशिए पर पड़े तबकों का सशक्तिकरण, किसानों का सशक्तिकरण, दलितों का सशक्तिकरण, आदिवासियों का सशक्तिकरण. इसके साथ भारत बढ़ेगा.

Denne historien er fra June 05, 2024-utgaven av India Today Hindi.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

Denne historien er fra June 05, 2024-utgaven av India Today Hindi.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

FLERE HISTORIER FRA INDIA TODAY HINDISe alt
शब्द हैं तो सब है
India Today Hindi

शब्द हैं तो सब है

शब्द और साहित्य की जादुई दुनिया का जश्न मनाते लेखक-राजनेता शशि थरूर अपने निबंधों की किताब के साथ हाजिर

time-read
1 min  |
September 25, 2024
अब बड़ी भूमिका के लिए बेताब
India Today Hindi

अब बड़ी भूमिका के लिए बेताब

दूरदराज की मंचीय प्रतिभाओं को निखारने का बड़ा प्लेटफॉर्म बनकर उभरा एमपीएसडी. नई सोच वाले निदेशक के साथ अब वह एक नई राह पर. लेकिन क्या वह एनएसडी जैसा मुकाम बना पाएगा?

time-read
5 mins  |
September 25, 2024
डिजिटल डकैतों पर सख्त कार्रवाई
India Today Hindi

डिजिटल डकैतों पर सख्त कार्रवाई

नया-नवेला जिला डीग तेजी से देश में ऑनलाइन ठगी का केंद्र बनता जा रहा था. राज्य सरकार और पुलिस की निरंतर कार्रवाई की वजह से राजस्थान के इस नए जिले में पिछले छह महीने के दौरान साइबर अपराध की गतिविधियों में आई काफी कमी

time-read
8 mins  |
September 25, 2024
सनसनीखेज सफलता
India Today Hindi

सनसनीखेज सफलता

पल में मजाकिया, पल में खौफनाक. हिंदी सिनेमा में हॉरर कॉमेडी फिल्मों का आया नया जमाना. चौंकने-डरने को बेताब दर्शकों के कंधों पर सवार होकर भूतों ने धूमधाम से की बॉक्स ऑफिस पर वापसी

time-read
10+ mins  |
September 25, 2024
ममता के लिए मुश्किल घड़ी
India Today Hindi

ममता के लिए मुश्किल घड़ी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार खिन्न और प्रदर्शन करते राज्य के लोगों का भरोसा के लिए अंधाधुंध कदम उठा रही है

time-read
5 mins  |
September 25, 2024
ठोकने की यह कैसी नीति
India Today Hindi

ठोकने की यह कैसी नीति

सुल्तानपुर में जेवर की दुकान में डकैती के आरोपी मंगेश यादव को मुठभेड़ में मार डालने के बाद विपक्षी दलों के निशाने पर योगी सरकार. फर्जी मुठभेड़ एक बार फिर बनी मुद्दा

time-read
7 mins  |
September 25, 2024
अग्निपरीक्षा की तेज आंच
India Today Hindi

अग्निपरीक्षा की तेज आंच

अदाणी जांच में हितों के टकराव के आरोपों में घिरीं और अपने ही स्टाफ में उभरते विद्रोह से सेबी की मुखिया से ढेरों जवाब और खुलासों की दरकार

time-read
8 mins  |
September 25, 2024
अराजकता के गर्त में वापसी
India Today Hindi

अराजकता के गर्त में वापसी

केंद्र और राज्य के निकम्मेपन से मणिपुर में नए सिरे से उठीं लपटें, अबकी बार नफरत की दरारें और गहरी तथा चौड़ी लगने लगीं, अमन बहाली की संभावनाएं असंभव-सी दिखने लगीं

time-read
7 mins  |
September 25, 2024
अब आई मगरमच्छों की बारी
India Today Hindi

अब आई मगरमच्छों की बारी

राजस्थान में 29 जुलाई, 2024 की दोपहर विधानसभा में राजस्थान लोकसेवा आयोग (आरपीएससी) परीक्षा में पेपर लीक को लेकर सियासत गरमाई हुई थी. प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने पेपर लीक के मामलों को लेकर भजनलाल शर्मा सरकार पर यह आरोप जड़ दिया कि अभी तक सरकार ने छोटी-छोटी मछलियां पकड़ी हैं, मगरमच्छ तो अभी भी खुले घूम रहे हैं. इस हमले का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा, \"आप बेफिक्र रहिए जल्द ही हम उन मगरमच्छों को भी पकड़ेंगे जो बाहर घूम रहे हैं.\"

time-read
3 mins  |
September 25, 2024
नहरें: थीं तो बेशक ये पानी के ही लिए
India Today Hindi

नहरें: थीं तो बेशक ये पानी के ही लिए

सीवान शहर के पास जुड़कन गांव के कृष्ण कुमार अपने गांव में खुदी पतली-सी नहर की पुलिया पर बैठे मिले. ऐन नहर के किनारे उनका पंपसेट लगा था, जिससे वे अपने खेत की सिंचाई कर रहे थे. वे नहर के बारे में पूछते ही उखड़ गए और कहने लगे, \"50 साल पहले नहर की खुदाई हुई थी. हमारे बाप-दादा ने भी इसके लिए अपनी जमीन दी. हमारा दस कट्ठा जमीन इसमें गया. जमीन का पैसा मिल गया था. मगर इस नहर में एक बूंद पानी नहीं आया. सब जीरो हो गया, जीरो पानी आता तो क्या हमको पंपसेट में डीजल फूंकना पड़ता.\"

time-read
5 mins  |
September 25, 2024