पुणे के रईस इलाके में लापरवाह और बिगड़ैल रईसजादों के विशेषाधिकार, कथित लीपापोती और इंसाफ के साथ छेड़छाड़ की एक घिनौनी कहानी सामने आई है. इसके केंद्र में एक प्रमुख रियल एस्टेट परिवार का 17 वर्षीय साहबजादा है. उस पर नशे में धुत होकर अपनी गैरपंजीकृत पोर्श टायकन से दो युवा इंजीनियरों को कुचलने का आरोप है. कानूनी रूप से नाबालिग उस किशोर ने 18 मई की रात को दो महंगे बार में दोस्तों के साथ महंगी शराब पी. बाद में उसकी तेज रफ्तार लग्जरी कार ने एक बाइक में पीछे से टक्कर मार दी. बाइक पर पीछे बैठी अश्विनी कोष्टा की तुरंत मौत हो गई जबकि बाइक चला रहे अनीश अवधिया ने बाद में दम तोड़ दिया. चश्मदीदों के मुताबिक, कार तीन लड़के थे और वे सभी नशे में थे. पुलिस जांच में पता चला है कि किशोर गाड़ी चला रहा था.
उसके बाद जो कुछ भी हुआ वह उसे बचाने का पूरा एक तमाशा था. उस लड़के के 18 साल के होने में केवल चार महीने बाकी थे और किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) ने शुरुआत में उसे महज डांटकर छोड़ दिया. उसको मिली जमानत शर्तों में सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखना शामिल था. सत्तारूढ़ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के स्थानीय विधायक सुनील टिंगरे हादसे के बाद पुलिस स्टेशन जा पहुंचे. इस सियासी हस्तक्षेप के अलावा यरवदा पुलिस स्टेशन में लड़के को पिज्जा परोसने के आरोप लगे. किशोर के साथ बरती जा रही इस नरमी से लोगों में गहरा आक्रोश फैलना लाजिमी था.
Denne historien er fra June 12, 2024-utgaven av India Today Hindi.
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