सौ बार फना होके सौ बार खड़े होंगे
India Today Hindi|19th June, 2024
लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार की सियासत के खत्म होने की पेशनगोई की जा रही थी लेकिन नतीजे आने के साथ ही वे किंगमेकर बन गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में उनकी भूमिका खासी अहम होने जा रही
पुष्यमित्र
सौ बार फना होके सौ बार खड़े होंगे

वह 3 जून का दिन था. एग्जिट पोल के नतीजों के शोर के बीच नीतीश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने दिल्ली गए थे. वे बिहार के कुछ मसलों पर मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा से मिलकर बात करना चाहते थे. वे चाहते थे कि दोएक दिन यानी दिल्ली में नई सरकार के गठन तक वहीं रहें. मगर मोदी से बातचीत के दौरान संभवतः उन्हें अच्छा रेस्पॉन्स नहीं मिला, इसलिए तय यात्रा अधूरी छोड़ वे पटना लौट आए. उनके करीबी लोग बताते हैं कि इस यात्रा से वे खासे निराश थे. कहने लगे थे कि ज्यादा दबाव बढ़ा तो अब वे राजनीति से संन्यास ले लेंगे. 4 जून को नतीजे वाले दिन वे सुबह-सुबह सात सर्कुलर रोड वाले उस सरकारी बंगले की तरफ गए, जिसमें वे 2015 में रहा करते थे, जब उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ मिल भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ा था और कड़ी शिकस्त दी थी.

चार जून को जैसे-जैसे नतीजे सामने आने लगे, उनकी उदासी छंटने लगी. एक वक्त उनकी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) अपने हिस्से की 16 में से 14 सीटों पर आगे चल रही थी, जबकि भाजपा 17 में से 12 पर. अंत भाजपा और जद (यू) के हिस्से 12-12 सीटें आईं. इन नतीजों ने उनके चेहरे पर स्थायी किस्म की मुस्कुराहट ला दी. अगले दिन वे फिर दिल्ली रवाना हो गए. इस बार वे बिन बुलाए मेहमान न थे. दिल्ली में पक्ष और विपक्ष हर कोई उनका इंतजार कर रहा था. विमान में उनके सहयात्रियों में कुछ ही महीने पहले उनके डिप्टी रहे तेजस्वी यादव भी थे, जिन्होंने इस चुनाव के बाद जद (यू) के खत्म होने की घोषणा की थी, हालांकि इस चुनाव में उनकी पार्टी राजद के हिस्से सिर्फ चार सीटें आईं.

Denne historien er fra 19th June, 2024-utgaven av India Today Hindi.

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