ओडिशा में बीजू जनता दल (बीजद) की अप्रत्याशित हार और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के 24 साल के शासन की समाप्ति के बाद 6 जून को मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने एक वीडियो संदेश जारी करते हुए राज्य के लोगों को आश्वस्त किया कि निर्वतमान सरकार की अहम स्वास्थ्य योजना-बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना (बीएसवाइ) - जारी रहेगी. जेना मीडिया की इन खबरों के बाद स्पष्टीकरण जारी करने को मजबूर हुए कि कई अस्पतालों ने बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना के कार्डों को मानने से इनकार कर दिया है और मरीजों को लौटा रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि अनिश्चितता का यह भाव आने वाली भाजपा सरकार के लिए मुख्य चुनौती होगा. हर किसी की जबान पर एक ही सवाल है कि क्या वह नवीन की ओर से शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं को बरकरार रखेगी. इन आशंकाओं को राज्य के भाजपा नेताओं की तरफ से आए संकेतों से भी बल मिला. प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल ने केंद्र की आयुष्मान भारत योजना को राज्य में लागू करने का सुझाव पेश किया.
एक स्वतंत्र राजनैतिक विश्लेषक संदीप साहू कहते हैं, "भाजपा नेताओं ने स्पष्ट रूप से यह नहीं कहा कि वे बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना को रोक देंगे. हालांकि, लोग डरे हुए हैं कि अगर आयुष्मान भारत को लागू किया जाता है तो ऐसा हो सकता है. कई अस्पतालों ने इस योजना के कार्ड को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है. " चांदाबाली विधानसभा सीट से चुनाव में विफल रहे सामल ने 5 जून को मीडिया को बताया कि आयुष्मान भारत लोकप्रिय योजना है और इसे लागू किया जाएगा जिससे राज्य के बाहर रह रहे डेढ़ करोड़ ओडिया लोगों को भी इसके लाभ मिल सकें.
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