पूर्व राष्ट्रपति और प्रख्यात एयरोस्पेस वैज्ञानिक ए. पी. जे. अब्दुल कलाम कहते थे, "उत्कृष्टता सतत प्रक्रिया है, कोई संयोग नहीं." शायद यह इसकी समुचित व्याख्या हो सकती है कि इंडिया टुडे बेस्ट कॉलेज सर्वे के पिछले पांच संस्करणों में सभी स्ट्रीम्स के विजेता काफी हद तक स्थायी तौर पर क्यों बने हुए हैं. किस्मत या सर्वेक्षणकर्ताओं की तरफ से ढिलाई का इस उपलब्धि से कोई लेना-देना नहीं है. इसके बजाए अव्वल पायदान पर कायम संस्थानों की वक्त के हिसाब से बदलाव और नवाचार पर शिद्दत से, अनुशासित फोकस ने ही उन्हें उस मुकाम पर बनाए रखा है.
इंडिया टुडे बेस्ट कॉलेज सर्वे पिछले दो दशक से उत्कृष्टता के प्रति इन संस्थानों की तरफ से दिखाई गई प्रतिबद्धता पर मुहर लगाता है और उसकी सराहना करता रहा है. अब अपने 28वें साल में यह सर्वे कॉलेजों के मूल्यांकन के लिए बेहद व्यापक, सटीक और दो-टूक पद्धति से लैश है, जो ऐसी रैंकिंग के लिए मिसाल कायम कर रहा है और मील का पत्थर बन रहा है है. इस प्रक्रिया का एक परिभाषक और स्थायी पैमाना आधुनिक और अद्यतन अध्यापन कला की पहचान करना है, जिसे कॉलेजों ने अपनाया है.
नवाचार ही असली कुंजी
इसी से तो श्रेष्ठ बाकियों से अलग दिखते हैं. मसलन, हिंदू कॉलेज को ही लीजिए, जिसका इस दशक में विज्ञान और साथ ही कला स्ट्रीम के विषयों में दबदबा रहा है. अन्य बातों के अलावा उसने अंतर-विषयक शोध के लिए अत्याधुनिक शोध केंद्र स्थापित किया है, जो उद्योग और अकादमिक जगत के बीच सहयोग की सुविधा देता है और जिसने पाठ्यक्रम के अलावा फ्रैगरेंस ऐंड फ्लेवर्स और वैदिक गणित सरीखे विषयों पर प्रोग्राम के साथ दिलचस्प अतिरिक्त सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किए. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कोडिंग और डेटा एनालिटिक्स का इस्तेमाल बढ़ने के साथ कॉमर्स स्ट्रीम में शीर्ष पर स्थापित श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स ने कोडिंग लैंग्वेज आर का इस्तेमाल करते हुए छात्रों को डेटा एनालिटिक्स पर मूल्य - संवर्धित कोर्स मुहैया करवाने के लिए वित्तीय बाजार विशेषज्ञ बीएसई इंस्टीट्यूट लिमि. सरीखी संस्थाओं के साथ मिलकर काम करना शुरू किया है.
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