भविष्य को गढ़ना. हिंदू कॉलेज 125 साल से इस आदर्श-वाक्य पर खरा उतरा है, जहां शीर्ष पायदान के अंडरग्रेजुएट कॉलेज के तौर पर उसकी प्रतिष्ठा पढ़ाई-लिखाई, शोध, पाठ्येतर गतिविधियों और प्लेसमेंट के मामले में जाहिर है. कड़ी मेहनत और उत्कृष्टता के प्रति यह प्रतिबद्धता उसकी विज्ञान स्ट्रीम के लिए भी सच है, जो हर साल आवेदकों की बड़ी तादाद को आकर्षित करता है. भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के शुरुआती दौर में स्थापित इस कॉलेज का न केवल सम्मानजनक इतिहास है, बल्कि यहां श्रेष्ठ शिक्षक समुदाय, आधुनिक बुनियादी ढांचा और विविध अंतरविषयात्मक शोध भी है. हिंदू कॉलेज में ज्ञान के प्रसार पर ही नहीं बल्कि आलोचनात्मक सोच और समस्याओं के समाधान का हुनर विकसित करने पर भी जोर दिया जाता है. यहां छात्रों को व्यावाहारिक शिक्षा, कार्यशालाओं और सेमिनार के माध्यम से प्रतिस्पर्धी धार और बढ़त मिलती है, जिसके बूते वे कल की चुनौतियों से बेहतर ढंग से निबट पाते हैं.
यह दूसरों से अलग कैसे है
3.6/4 का एनएएसी सीजीपीए स्कोर
छात्रों को दिया गया औसत वार्षिक वेतन 9.21 लाख रुपए प्रति वर्ष है, जो साइंस कॉलेजों में दूसरा सबसे ज्यादा है
बीते दो साल में फैकल्टी की तरफ से प्रकाशित किताबों की संख्या के मामले में पहले पायदान पर
बीते दो साल में फैकल्टी की तरफ से प्रकाशित शोध के मामले में यह पहले पायदान पर
नियमित कोर्स के अलावा यह फ्रेगरेंस ऐंड फ्लेवर्स और वैदिक मैथमैटिक्स सरीखे अतिरिक्त सर्टिफिकेट कोर्स की पेशकश करता है।
क्या आप जानते हैं?
हिंदू कॉलेज ने विज्ञान से लेकर ध्यान और मानसिक स्वास्थ्य तक, और पर्यावरण और टिकाऊपन से जुड़े विशेष प्रोजेक्ट शुरू किए हैं।
विज्ञान का पाठ्यक्रम चुनने से पहले क्या देखें
Denne historien er fra July 03, 2024-utgaven av India Today Hindi.
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सोणा पंजाबी एल्बम मान दा
गायक-अभिनेता-गीतकार गुरदास मान दूरदर्शन के साथ शुरुआत से लेकर अपने नए एल्बम साउंड ऑफ सॉएल, वीर जारा के किस्से और नई पीढ़ी के कलाकारों पर
"हाथ से सितार ले लिया जाए तो मैं दुनिया के किसी काम का नहीं"
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लुटी-पिटी विरासत के बादशाह!
बेभाव उधारियां उठाकर केसीआर ने तेलंगाना का दीवाला ही निकाल दिया. उनके इस फितूर का खामियाजा अगले एक दशक तक राज्य को उठाना पड़ेगा
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कांग्रेस ने यूपी में जनआंदोलनों और कई सारे कार्यक्रमों के जरिए अपने जनाधार विस्तार की रणनीति बनाई. पिछड़ों, दलित और अल्पसंख्यकों पर विशेष रूप से फोकस
दिलचस्प से हरियाणे का सियासी सांग
सत्ता-विरोधी भावना का मुकाबला करते हुए कांग्रेस से अपने गढ़ को बचाने की पुरजोर कोशिश में लगी भाजपा. दूसरी ओर अंदरुनी लड़ाई के बावजूद कांग्रेस उम्मीदों पर सवार
उम्मीदों में उलझीं कुछ गुत्थियां भी
विरोध के बावजूद भाजपा की अगुआई वाली केंद्र सरकार ने 'एक राष्ट्र एक चुनाव' की योजना को आगे बढ़ाने की ठानी. अगर ऐसा हुआ तो ये सवाल पूछे जाएंगे कि इससे हमारा लोकतंत्र मजबूत होगा या कमजोर?
"सड़क हादसो जितनी मौतें तो युद्ध में भी नहीं हुई"
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी देश के हाइवे पर बढ़ते हादसों को लेकर काफी चिंतित हैं और उन्होंने खतरों को घटाने के लिए कई कदम उठाए हैं. लेकिन ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर राज चेंगप्पा और एसोसिएट एडिटर अभिषेक जी. दस्तीदार के साथ बातचीत में उन्होंने साफ-साफ स्वीकार किया कि यही इकलौता मामला है जिसमें वे अपने तय किए लक्ष्य को हासिल करने में नाकाम रहे. बातचीत के संपादित अंशः
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खराब सड़क डिजाइन, लचर पुलिसिया व्यवस्था, प्रशिक्षण की कमी, नाकाफी सुरक्षा इंतजामात, और हादसे के वक्त इलाज की सुविधा के अभाव की वजह से भारत की सड़कें दुनिया में सबसे ज्यादा जानलेवा-
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