आज जो फैशन में है, कल वह ओडी यानी आउटडेटेड हो जाएगा, चलन से बाहर हो जाएगा. और परसों रेट्रो चिक यानी फिर एक नए-नवेले/ठाठदार रूप में लौटेगा. इसके साथ कदमताल कर पाना न केवल फैशन के शौकीनों बल्कि इस ट्रेंड को गढ़ने वालों के लिए भी ऊबाऊ और खीज पैदा करने वाला हो सकता है. हां, अगर आप एनआइएफटी या निफ्ट (राष्ट्रीय फैशन प्रोद्योगिकी संस्थान), दिल्ली सरीखे किसी संस्थान से पढ़-कढ़कर निकले हैं तब कोई समस्या नहीं. वहां फैशन इंडस्ट्री का चाल-चलन भांपने, उसकी नब्ज पर उंगली रखने में आपको माहिर बना दिया जाता है. यहां का पाठ्यक्रम समग्र और व्यावहारिक प्रशिक्षण देता है. यहां पढ़ाए जाने वाले विषयों में फैशन का इतिहास, टेक्सटाइल या कपड़े का विज्ञान, डिजाइन के सिद्धांत, परिधान का निर्माण, फैशन मार्केटिंग, टिकाऊ प्रथाएं वगैरह शामिल हैं, जो छात्रों को उद्योग की संपूर्ण समझ प्रदान करते हैं. यहां की पढ़ाई में आपको भविष्य के रुझानों का भी अनुमान लगाने की समझ विकसित होती है. नेटवर्किंग के नजरिए से किए जाने वाले आयोजन और इंडस्ट्री के साथ साझेदारी की बदौलत छात्रों को मेंटोरशिप के पर्याप्त मौके मिल पाते हैं. इसके अलावा संभावित जॉब प्लेसमेंट या इंटर्नशिप भी, जो छात्रों को तुरत-फुरत करियर शुरू करने में मदद करते हैं.
दूसरों से अलग कैसे है?
फैकल्टी के तौर पर यहां ऐसे प्रोफेशनल और शोधकर्ता हैं जिन्हें अच्छा-खासा व्यावहारिक अनुभव हासिल है और जो छात्रों को बेशकीमती अंतर्दृष्टि और हुनर देते हैं. यहां की फैकल्टी का बतौर शिक्षक औसत अनुभव 20 साल का है।
यहां का पाठ्यक्रम फैशन की दुनिया में आने की चाह रखने वाले युवाओं की रुचियों और उनके करियर के लक्ष्यों के अनुरूप तैयार किया गया है. इसमें उन्हें उद्योग के लिए तैयार होने में मदद करने के लिए व्यावहारिक शिक्षण अनुभव भी शामिल है
पाठ्यक्रम छात्रों को डिजाइन से जुड़े मुद्दों के बारे में आलोचनात्मक ढंग से सोचने, बाजार के रुझानों का विश्लेषण करने, उपभोक्ता की जरूरतों का पूर्वानुमान लगाने और नए-नवेले समधान प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित करता है
Denne historien er fra July 03, 2024-utgaven av India Today Hindi.
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