1 नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएलएसआइयू), बेंगलूरू
पिछले कुछेक सालों में जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (जेन एआइ) का उभार देखते हुए नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएलएसआइयू) में टेक्नोलॉजी अहम फोकस वाला क्षेत्र बन गया है. एनएलएसआइयू के वाइस चांसलर सुधीर कृष्णस्वामी बताते हैं कि इसका मकसद जेन एआइ के फाउंडेशन और तकनीकों को समझते हुए लार्ज लैंग्वेज मॉडल कस्टमाइज करना है ताकि कानून के विभिन्न क्षेत्रों की सामग्री पर इसे लागू किया जा सके.
पिछले साल नवंबर में एनएलएसआइयू ने उपभोक्ता कानून के क्षेत्र में एआइ का इस्तेमाल करते हुए अनूठी शोध परियोजना शुरू की. आइआइटी बॉम्बे और उपभोक्ता मामलों के विभाग के साथ शुरू की गई यह परियोजना संभावना तलाशेगी कि लामा जैसे सार्वजनिक रूप से उपलब्ध लार्ज लैंग्वेज मॉडल (लामा) का इस्तेमाल भारत की उपभोक्ता शिकायत निबटान प्रणाली में दक्षता बढ़ाने के लिए सार्वजनिक समाधान दिलाने में किस तरह किया जा सकता है. इस पहल का उद्देश्य शिकायतें लिखने की प्रक्रिया के पहलुओं में उपभोक्ता को गाइड करने के लिए चैटबॉट की अवधारणा को व्यावहारिक बनाना और भारत में उपभोक्ता कानून से संबंधित सवालों के जवाब देना भी है. स केस से जुड़े कानून खोजने और दस्तावेजों के सार के लिए वह निर्णय में सहायक टूल डिजाइन करेगा जिससे उपभोक्ता मामलों में न्यायिक अधिकारियों को मदद मिल सके.
Denne historien er fra August 07, 2024-utgaven av India Today Hindi.
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