सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी (एसआइयू) के लावले कैंपस के पहरेदारों से घिरे प्रवेशद्वार से आगे बढ़ते ही आप एकांत पहाड़ी स्थल में पहुंच जाते हैं. यहां हरियाली, घुमावदार सड़कें, खासे नीचे झूलते मॉनसून के बादल और पक्षियों की चहचहाहट मन मोह लेती है. छात्रों की जोशीली चटरपटर इस चहचहाहट को बीचमें तोड़ती है. एसआइयू का लावले कैंपस व्यस्त शहर की चहल-पहल से दूर पुणे के नजदीक मुलशी के पहाड़ी भा में करीब 350 एकड़ में फैला है. पढ़ाई के लिए यह सचमुच आदर्श जगह है.
29 जुलाई को होने वाले एसआइयू के 21वें दीक्षांत समारोह के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के स्वागत की तैयारी में कैंपस हलचल से गुलजार था. एसआइयू को डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा 2002 में मिला. विभिन्न क्षेत्रों के जाने-माने लोग पिछले कई दशकों से एसआइयू में आते और छात्रों से रू-ब-रू होते रहे हैं. यह अच्छी शिक्षा देने में अग्रणी विश्वविद्यालय के रूप में एसआइयू की प्रतिष्ठा का प्रमाण है.
सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट (एसआइबीएम), पुणे के डायरेक्टर प्रोफेसर श्रीरंग आलतेकर कहते हैं, "हम छात्रों को भविष्य के लिए तैयार नहीं करते. हम उन्हें भविष्य के लिए सुरक्षित बनाते हैं. हम उन्हें बेहतरीन गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तो देते ही हैं, साथ ही कॉलेज में आते ही उन्हें जिम्मेदारियां सौंपना भी शुरू कर देते हैं. चाहे दाखिला प्रक्रिया में हो या कॉलेज फेस्ट के इंतजाम में, हमारा संस्थान पारदर्शिता और जवाबदेही की संस्कृति को बढ़ावा देता है."
Denne historien er fra August 07, 2024-utgaven av India Today Hindi.
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