
आम चुनाव से पहले चुनावी रैलियों के अपने कई भाषणों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अहम आर्थिक संभावना की ओर इशारा किया कि भारत उनके तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. इसके पहले दो बार मजबूत अर्थव्यवस्था और व्यापार अनुकूल नीतियों के वादे पर भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनाव जीत चुके मोदी का मानना था कि देश की अर्थव्यवस्था के बारे में चमकदार आंकड़ों की अभी भी लोग चर्चा करते हैं. हालांकि इस चुनाव ने साबित किया कि देश के मतदाता के सामने कई मुद्दे मुंह बाए खड़े हैं, खास तौर पर रोजगार का संकट और ऊंची कीमतें. इसी वजह से भाजपा ने उम्मीद से कम लोकसभा सीटें जीतीं, सरकार बनाने के लिए सहयोगी दलों पर निर्भर होना पड़ा. लेकिन इससे मोदी आर्थिक मोर्चे पर देश की प्रगति दिखाने से नहीं रुके या यहां तक कहा कि देश विकसित राष्ट्र बनने की राह पर है. उन्होंने बजट के बाद 30 जुलाई को उद्योग के शीर्ष लोगों के बीच कहा, "जब भारत स्वाधीनता के 100 साल (2047 में) मनाएगा, तब हम एक विकसित देश होंगे. आज, भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. वह दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा."
Denne historien er fra August 28, 2024-utgaven av India Today Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra August 28, 2024-utgaven av India Today Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på

नकल भी, नकेल भी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 जनवरी, 2025 को दिल्ली में कुछ विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया.

सीमा सुरक्षा पर भी तू-तू, मैं-मैं
पिछले पखवाड़े कई आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद भारत की सीमाओं की सुरक्षा और अवैध घुसपैठ के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल में राजनैतिक आरोपप्रत्यारोपों का नया दौर शुरू हो गया.

फिर आ गया वायरस का डर
चीन से सांस की बीमारियों में उछाल की खबरें क्या आईं, फिर वही डर आ धमका. हालांकि वह डर जिसने कोविड-19 के दौरान दुनिया को बुरी तरह उलट-पुलट दिया था और उसके बाद भी पूरी तरह से गया नहीं है.

सबसे अहम शांति
देवदत्त पटनायक अपनी नई किताब अहिंसाः 100 रिफ्लेक्शन्स ऑन द सिविलाइजेशन में हड़प्पा सभ्यता का वैकल्पिक नजरिया पेश कर रहे हैं

एक गुलदस्ता 2025 का
अ ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ ह्यूमनकाइंड जैसी चर्चित किताब के लेखक युवाल नोआ हरारी की यह नई किताब बताती है कि सूचना प्रौद्योगिकी ने हमारी दुनिया को कैसे बनाया और कैसे बिगाड़ा है.

मौन सुधारक
आर्थिक उदारीकरण के देश में सूत्रधार, 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया.

हिंदुस्तानी किस्सागोई का यह सुनहरा दौर
भारतीय मनोरंजन उद्योग जैसे-जैसे विकसित हो रहा है उसमें अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी आने, वैश्विक स्तर पर साझेदारियां बनने और एकदम स्थानीय स्तर के कंटेंट के कारण नए अवसर पैदा हो रहे. साथ ही दुनियाभर के दर्शकों को विविधतापूर्ण कहानियां मिल रहीं

स्वस्थ और सेहतमंद मुल्क के लिए एक रोडमैप
स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में हमारी चुनौतियों का पैमाना विशाल है. 'स्वस्थ और विकसित भारत' के लिए मुल्क को टेक्नोलॉजी के रचनात्मक उपयोग, प्रिडिक्टिव प्रिसीजन मेडिसिन, बिग डेटा और पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर कहीं ज्यादा ध्यान केंद्रित करना होगा

ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की ओर
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2025 में भारत की शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाने, नवाचार, उद्यमिता और सामाजिक प्रगति को बढ़ावा देने के लिए उत्प्रेरक का काम कर रही

ईवी में ऊंची छलांग के लिए भारत क्या करे
स्थानीयकरण से नवाचार तक... चार्जिंग की दुश्वारियां दूर करना, बैटरी तकनीक बेहतर करना और बिक्री के बाद की सेवाएं बेहतर करना ही इलेक्ट्रिक वाहन क्रांति को मजबूत करने का मूल मंत्र है