"सड़क हादसो जितनी मौतें तो युद्ध में भी नहीं हुई"
India Today Hindi|October 09, 2024
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी देश के हाइवे पर बढ़ते हादसों को लेकर काफी चिंतित हैं और उन्होंने खतरों को घटाने के लिए कई कदम उठाए हैं. लेकिन ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर राज चेंगप्पा और एसोसिएट एडिटर अभिषेक जी. दस्तीदार के साथ बातचीत में उन्होंने साफ-साफ स्वीकार किया कि यही इकलौता मामला है जिसमें वे अपने तय किए लक्ष्य को हासिल करने में नाकाम रहे. बातचीत के संपादित अंशः
राज चेंगप्पा और अभिषेक जी. दस्तीदार
"सड़क हादसो जितनी मौतें तो युद्ध में भी नहीं हुई"

प्रः भारत में राजमार्गों पर दुर्घटनाओं की समस्या कितनी गंभीर है?

समस्या बहुत, बहुत गंभीर है. हर साल 4.6 लाख दुर्घटनाएं होती हैं और 1.68 लाख मौतें. इस कारण हम एक अनुमान के हिसाब से देश की जीडीपी का कम से कम 3 फीसद गंवा रहे हैं. इन दुर्घटनाओं में करीब 33 फीसद से ज्यादा हमारे राष्ट्रीय राजमार्गों पर होती हैं. इनमें 60 फीसद मौतें 18 और 34 साल की उम्र के बीच के लोगों की होती हैं. यहां तक कि उग्रपंथी संगठनों के साथ मुठभेड़ में भी मौतों की संख्या काफी कम है. यहां तक कि हमने जो युद्ध लड़े हैं, उनमें भी इससे कम ही मौतें हुई हैं.

किस कारण से मौतों की दर काफी ज्यादा है?

हमारे देश की एक अपनी समस्या है, जो दुनिया के किसी दूसरे हिस्से में नहीं है. यहां न तो कानून का कोई सम्मान है और न ही उसका कोई डर. यह बहुत बड़ी समस्या है. हमने कई रोकथाम वाले उपाय किए हैं, जिनमें अनिवार्य तौर पर सीट बेल्ट लगाना, इलेक्ट्रॉनिक ब्रेकिंग सिस्टम वगैरह शामिल हैं. और उन्हें अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी और अन्य जरूरतों के अनुसार लागू किया जा रहा है. कारों के लिए हमने भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (एनसीएपी) शुरू किया है, जो उनके सुरक्षा प्रदर्शन के आधार पर स्टार रेटिंग देता है. इस स्टार रेटिंग के मुताबिक, अब वाहनों के लिए छह एयरबैग अनिवार्य हो गए हैं. हम बसों और ट्रकों के मामले में भी इसी तरह के कदम उठा रहे हैं.

• लेन डिसिप्लिन के पालन और लाइसेंस के मसलों पर क्या कहेंगे?

Denne historien er fra October 09, 2024-utgaven av India Today Hindi.

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