टाटा परिवार से इतर किसी को कमान सौंपने वाले पहले अध्यक्ष के रूप में वे एक बने-बनाए सांचे को तोड़ते दिखे. और ऐसा उन्होंने पहली बार नहीं किया. पर वे कॉर्पोरेट परंपरा के फौलादी संरक्षक भी थे. थॉमस मैथ्यू की नई प्रकाशित जीवन के साथ-साथ उनके विश्वसनीय साथियों से सैकड़ों घंटे की बातचीत पर आधारित है. पेश हैं यहां उसी के संपादित अंश
1944 बचपन का सबक रतन के माता-पिता ने प्रेम विवाह किया था. आजादी से पहले के जमाने में सामाजिक रूप से रूढ़िवादी भारत और उतने ही दकियानूस पारसी समुदाय के लिए यह दुर्लभ बात थी. लेकिन उनका यह प्रणय-बंधन विवाह के उतार-चढ़ावों के आगे ज्यादा टिक नहीं पाया और 1944 में वे अलग हो गए और सूनू अपने माता-पिता के घर चली गईं. सूनू ने तलाक के लिए अर्जी दाखिल की. बच्चों के लिए यह त्रासद समय था. रतन 10 साल के हो रहे थे और जिमी 7 साल के जब उन्हें परिवार अदालत के कई चक्कर लगाने पड़े. रतन याद करते हैं, यह 'खराब' और 'हताशा' भरा अनुभव था. सूनू ने उसके बाद सर जमशेदजी जेजीभाई से विवाह कर लिया. रतन कहते हैं कि उस समय अलगाव या तलाक आज की तरह 'रोजाना' नहीं होते थे. उनके माता-पिता की अनबन को बढ़ाचढ़ाकर बताया गया और उनके अलगाव के बारे में, सच-झूठ दोनों तरह की बातें तेजी से फैल गईं. स्कूलों में यह चर्चा का विषय बन गया. स्कूल में रतन और जिमी के सहपाठियों ने उनकी जमकर ऐसी-तैसी की और अपमानित किया.
Denne historien er fra December 04, 2024-utgaven av India Today Hindi.
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फिर उसी बुलंदी पर
वनडे विश्व कप के फाइनल में चौंकाने वाली हार के महज सात महीने बाद भारत ने जबरदस्त वापसी की और जून 2024 में टी20 विश्व कप जीतकर क्रिकेट की बुलंदियों एक को छुआ
आखिरकार आया अस्तित्व में
यह एक भूभाग पर हिंदू समाज के स्वामित्व का प्रतीक था. इसके निर्माण से भक्तों को एक तरह की परिपूर्णता और उल्लास की अनुभूति हुई. अलग-अलग लोगों के लिए राम मंदिर के अलग-अलग अर्थ रहे हैं और उसमें आधुनिक भारत की सभी तरह की जटिलताओं- पेचीदगियों की झलक देखी जा सकती है
बंगाल विजयनी
केवल आर. जी. कर और संदेशखाली घटनाक्रमों को गिनेंगे तो लगेगा कि 2024 ममता बनर्जी के लिए सबसे मुश्किल साल था, मगर चुनावी नतीजों का संदेश तो कुछ और ही
सत्ता पर काबिज रहने की कला
सियासी माहौल कब किस करवट बैठने के लिए मुफीद है, यह नीतीश कुमार से बेहतर शायद ही कोई जानता हो. इसी क्षमता ने उन्हें मोदी 3.0 में एक मजबूत स्तंभ के तौर पर स्थापित किया
शेरदिल सियासतदां
विधानसभा चुनाव में शानदार जीत ने न केवल उनकी पार्टी बल्कि कश्मीर का भी लंबा सियासी इंतजार खत्म कराया. मगर उमर अब्दुल्ला को कई कड़ी परीक्षाओं से गुजरना पड़ रहा—उन्हें व की बड़ी उम्मीदों पर खरा उतरना है, तो जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस मिलने तक केंद्र से जूझना भी है
शूटिंग क्वीन
मनु भाकर ने पेरिस 2024 ओलंपिक में बदलाव की शानदार पटकथा लिखी. अटूट इच्छाशक्ति से अतीत की निराशा को पीछे छोड़कर उन्होंने अपना भाग्य गढ़ा
नया सितारा पॉप का
दुनियाभर के विभिन्न मंचों पर धूम मचाने से लेकर भाषाई बंधन तोड़ने और पंजाबी गौरव का परचम फिर बुलंद करने तक, दिलजीत दोसांझ ने साबित कर दिया कि एक सच्चा कलाकार किसी भी सीमा और शैली से परे होता है
बातें दिल्ली के व्यंजनों की
एकेडमिक, इतिहासकार और देश के सबसे पसंदीदा खानपान लेखकों में से एक पुष्पेश पंत की ताजा किताब फ्रॉम द किंग्ज टेबल टु स्ट्रीट फूड: अ फूड हिस्ट्री ऑफ देहली में है राजधानी के स्वाद के धरोहर की गहरी पड़ताल
दो ने मिलकर बदला खेल
हेमंत और कल्पना सोरेन ने झारखंड के राजनैतिक खेल को पलटते हुए अपनी लगभग हार की स्थिति को एक असाधारण वापसी में बदल डाला
बवंडर के बीच बगूला
आप के मुखिया के लिए यह खासे नाटकीय घटनाक्रम वाला साल रहा, जिसमें उनका जेल जाना भी शामिल था. अब जब पार्टी लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए दिल्ली पर राज करने की निर्णायक लड़ाई लड़ रही, सारी नजरें उन्हीं पर टिकीं