कला कनॉट प्लेस के इर्द-गिर्द की
India Today Hindi|December 04, 2024
धूमीमल गैलरी में चल रही प्रदर्शनी ज्वॉइनिंग द डॉट्स दिल्ली के सांस्कृतिक दिल कनॉट प्लेस के चिरस्थायी आकर्षण को एक तरह की आदरांजलि
अर्शिया
कला कनॉट प्लेस के इर्द-गिर्द की

जब दिल्ली के हृदयस्थल में स्थित भारत की सबसे पुरानी समकालीन कला दीर्घा धूमीमल अपनी परिधि में स्थित कनॉट प्लेस के शानदार इतिहास के प्रति अपनी आदरांजलि व्यक्त का फैसला करती है, तब साथ ही उसके अपने इतिहास पर फिर से नजर न डालना बेअदबी होगी. 1936 में स्थापित इस कला दीर्घा की 88 साल पुरानी विरासत दिल्ली के पहले और सबसे पुराने व्यावसायिक केंद्रों में से एक के तानेबाने में गहराई से गुंथी है. इसके प्रति कला इतिहासकार और क्यूरेटर अन्नपूर्णा गरिमेला के मन में गहरा और स्थायी प्रेम है, जिसे उन्होंने अपने बेंगलूरू स्थित रिसर्च और डिजाइन संस्थान जैकफ्रूट के जरिए फिलहाल चल रही प्रदर्शनी जॉइनिंग द डॉट्स: द पास्ट हैज अ होम इन द फ्यूचर में मूर्त रूप दिया है.

सात दिसंबर तक चलने वाली प्रदर्शनी उस कनॉट प्लेस के इतिहास का लेखा-जोखा प्रस्तुत करती है जो दशकों से तमाम कला रूपों में गहरे रूमानियत के साथ दर्ज सांस्कृतिक और राजनैतिक बदलावों का घटनास्थल रहा है. गरिमेला इस शो को दिल्ली के नाम अपना प्रेम पत्र कहती हैं. वे यहां लौट लौटकर आती हैं और पूछती हैं कि "क्या आप कनॉट प्लेस से 'भरपूर प्यार नहीं करते ?"

Denne historien er fra December 04, 2024-utgaven av India Today Hindi.

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