आनंद मिश्र, 50 वर्ष रायबरेली
आनंद ने शैंपू का उपयोग करके नींबू के पौधे को शुरुआत में नष्ट होने से बचाया और रायबरेली में 200 क्विंटल नींबू की पैदावार लेकर एक बड़े खिलाड़ी बनकर उभरे. रायबरेली के सिविल लाइंस चौराहे से परसदेपुर की तरफ जाने वाली सड़क पर करीब 15 किलोमीटर चलने के बाद शिवगुलाम का पुरवा तिराहे से एक पतली सड़क कचनवां गांव को जाती है. आनंद अब इस गांव की पहचान बन गए हैं. उन्हें यहां के लोग 'लेमन मैन' के नाम से पुकारते हैं. गांव के बाहर पहुंचते ही गेहूं और धान के खेतों के बीच एक हेक्टेयर जमीन में खड़े नींबू के पेड़ दूर से ही ध्यान खींच लेते हैं.
Denne historien er fra December 18, 2024-utgaven av India Today Hindi.
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