मोहम्मद निसार: दाएं हाथ के तेज गेंदबाज मोहम्मद निसार भारत की ओर से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में गेंद फेंकने वाले पहले खिलाड़ी थे। उन्होंने 1932 में भारत के पदार्पण टेस्ट मैच में इंग्लैंड के खिलाफ पांच विकेट झटके थे। आजादी से पहले के युग में उभरे निसार के महज 6 मैचों में 28.28 की औसत से 25 विकेट चटकाने में सफल रहे। 93 फर्स्ट क्लास मैचों में उनके नाम 396 विकेट हैं।
अमर सिंह: दाएं हाथ के तेज गेंदबाज अमर सिंह भी विपक्षी बल्लेबाजों के लिए किसी खौफ से कम नहीं थे। अमर सिंह ने भारत के पदार्पण टेस्ट मैच में मोहम्मद निसार के साथ गेंदबाजी की कमान संभाली थी। उन्होंने भारत के लिए 7 टेस्ट मुकाबले खेलकर 28 विकेट चटकाए, जबकि 92 फर्स्ट क्लास मैचों में अमर सिंह के नाम 506 विकेट दर्ज हैं।
बलविंदर संधू: दाएं हाथ के मध्यम गति के गेंदबाज बलविंदर संधु गेंद को दोनों तरफ स्विंग करा सकते थे। दो साल के अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में संधु ने भारत की तरफ से 30 मैचों में 26 विकेट चटकाए। 1983 विश्व कप जीत, उनके करियर की सबसे शानदार झलकी रही। 55 फर्स्ट क्लास मुकाबलों में उनके नाम 168 विकेट दर्ज हैं।
जवागल श्रीनाथ: जैसे कपिल देव की गेंदबाजी ने भारत में स्विंग को लोकप्रिय बनाया। उसी तरह दाएं हाथ के गेंदबाज जवागल श्रीनाथ ने फास्ट बॉलिंग को चर्चा का विषय बनाया। जब 2003 में उन्होंने 11 साल के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर से संन्यास लिया, तो श्रीनाथ किसी भारतीय तेज गेंदबाज द्वारा टेस्ट विकेट लेने के मामले में कपिल के बाद दूसरे स्थान पर थे। श्रीनाथ ने 296 अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में 551 विकेट झटके।
कपिल देव: भारत ने 1983 में अपना पहला विश्व कप खिताब जीता था। दाएं हाथ के तेज गेंदबाज और भारत के श्रेष्ठ ऑल राउंडर कपिल देव ने न केवल कप्तानी बल्कि अपने प्रदर्शन से इस जीत में बड़ा योगदान दिया। उन्होंने आठ मैचों में 12 विकेट हासिल किए। 356 मैचों में 687 विकेट चटकाने वाले कपिल देव अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत की ओर से सर्वाधिक विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज हैं।
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शहरनामा - मधेपुरा
बिहार के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित, अपनी ऐतिहासिक धरोहर, सांस्कृतिक वैभव और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध मधेपुरा कोसी नदी के किनारे बसा है, जिसे 'बिहार का शोक' कहा जाता है।
डाल्टनगंज '84
जब कोई ऐतिहासिक घटना समय के साथ महज राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का मुद्दा बनकर रह जाए, तब उसे एक अस्थापित लोकेशन से याद करना उस पर रचे गए विपुल साहित्य में एक अहम योगदान की गुंजाइश बनाता है।
गांधी के आईने में आज
फिल्म लगे रहो मुन्ना भाई के दो पात्र मुन्ना और गांधी का प्रेत चित्रपट से कृष्ण कुमार की नई पुस्तक थैंक यू, गांधी से अकादमिक विमर्श में जगह बना रहे हैं। आजाद भारत के शिक्षा विमर्श में शिक्षा शास्त्री कृष्ण कुमार की खास जगह है।
'मुझे ऐसा सिनेमा पसंद है जो सोचने पर मजबूर कर दे'
मूर्धन्य कलाकार मोहन अगाशे की शख्सियत के कई पहलू हैं। एक अभिनेता के बतौर उन्होंने समानांतर सिनेमा के कई प्रतिष्ठित निर्देशकों के साथ काम किया। घासीराम कोतवाल (1972) नाटक में अपनी भूमिका के लिए वे खास तौर से जाने जाते हैं। वे मनोचिकित्सक भी हैं। मानसिक स्वास्थ्य पर उन्होंने कई फिल्में बनाई हैं। वे भारतीय फिल्म और टेलिविजन संस्थान (एफटीआइआइ) के निदेशक भी रह चुके हैं। उनके जीवन और काम के बारे में हाल ही में अरविंद दास ने उनसे बातचीत की। संपादित अंशः
एक शांत, समभाव, संकल्पबद्ध कारोबारी
कारोबारी दायरे के भीतर उन्हें विनम्र और संकोची व्यक्ति के रूप में जाना जाता था, जो धनबल का प्रदर्शन करने में दिलचस्पी नहीं रखता और पशु प्रेमी था
विरासत बन गई कोलकाता की ट्राम
दुनिया की सबसे पुरानी सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में एक कोलकाता की ट्राम अब केवल सैलानियों के लिए चला करेगी
पाकिस्तानी गर्दिश
कभी क्रिकेट की बड़ी ताकत के चर्चित टीम की दुर्दशा से वहां खेल के वजूद पर ही संकट
नशे का नया ठिकाना
कीटनाशक के नाम पर नशीली दवा बनाने वाले कारखाने का भंडाफोड़
'करता कोई और है, नाम किसी और का लगता है'
मुंबई पर 2011 में हुए हमले के बाद पकड़े गए अजमल कसाब के खिलाफ सरकारी वकील रहे उज्ज्वल निकम 1993 के मुंबई बम धमाकों, गुलशन कुमार हत्याकांड और प्रमोद महाजन की हत्या जैसे हाइ-प्रोफाइल मामलों से जुड़े रहे हैं। कसाब के केस में बिरयानी पर दिए अपने एक विवादास्पद बयान से वे राष्ट्रीय सुर्खियों में आए थे। उन्होंने 2024 में भाजपा के टिकट पर उत्तर-मध्य मुंबई से लोकसभा चुनाव लड़ा और हार गए। लॉरेंस बिश्नोई के उदय और मुंबई के अंडरवर्ल्ड पर आउटलुक के लिए राजीव नयन चतुर्वेदी ने उनसे बातचीत की। संपादित अंश:
मायानगरी की सियासत में जरायम के नए चेहरे
मायापुरी में अपराध भी फिल्मी अंदाज में होते हैं, बस एक हत्या, और बी दशकों की कई जुर्म कथाओं पर चर्चा का बाजार गरम