इस चुनाव में ओल्ड पेंशन स्कीम, 50 लाख रुपये तक का हेल्थ इंश्योरेंस, महिलाओं को मुफ्त फोन देने की स्कीम, विद्यार्थियों को फ्री लैपटॉप जैसी कितनी ही योजनाओं का शोरशराबा चुनाव नतीजों की शुरुआत में ही दिल-फरेब साबित हुआ और मतदाताओं ने कांग्रेस को हरा दिया। कांग्रेस ने सिर्फ सरकार नहीं खोई, अपनी सियासत के दोनों जहान भी खो दिए हैं। वह पहली बार इस तरह भाजपा के हिंदुत्व और सनातन के रंग में रंगी नजर आई और 200 सीटों वाली विधानसभा के लिए 199 उम्मीदवारों में से महज 69 को ही जिता पाई। पार्टी ने बात तो की मुहब्बत की दुकान की, लेकिन इस दुकान में भाजपा के हिंदुत्व और सनातन के सरोकारों वाला हर सामान लेकर वह बैठी थी। भाजपा ने 57 शहरी सीटों में से 38 सीटें जीती हैं जबकि ग्रामीण इलाकों की 143 सीटों में से 77 सीटें जीती हैं। यह बताता है कि भाजपा का आधार अब शहरी से ग्रामीण इलाकों की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रभावी शो किए, शानदार सभाएं कीं और खूब गरजे-तरजे। अमित शाह और केंद्रीय नेताओं ने भी कमी नहीं रखी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने जमकर सभाएं कीं। पायलट ने सियासी जहाज उड़ाए और आखिर सत्ता के शीर्ष पद पर एक बार फिर लैंड करने से वंचित हो गए। भाजपा के एक अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि प्रदेश की शीर्ष नेता और खास प्रभामंडल वाली वसुंधरा राजे की हालत मोदी-शाह युग में ऐसी है जो बहादुर शाह जफर की इस गजल की याद दिला दे:
बात करनी मुझे मुश्किल कभी ऐसी तो न थी, जैसी अब है तेरी महफिल कभी ऐसी तो न थी।
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शहरनामा - मधेपुरा
बिहार के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित, अपनी ऐतिहासिक धरोहर, सांस्कृतिक वैभव और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध मधेपुरा कोसी नदी के किनारे बसा है, जिसे 'बिहार का शोक' कहा जाता है।
डाल्टनगंज '84
जब कोई ऐतिहासिक घटना समय के साथ महज राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का मुद्दा बनकर रह जाए, तब उसे एक अस्थापित लोकेशन से याद करना उस पर रचे गए विपुल साहित्य में एक अहम योगदान की गुंजाइश बनाता है।
गांधी के आईने में आज
फिल्म लगे रहो मुन्ना भाई के दो पात्र मुन्ना और गांधी का प्रेत चित्रपट से कृष्ण कुमार की नई पुस्तक थैंक यू, गांधी से अकादमिक विमर्श में जगह बना रहे हैं। आजाद भारत के शिक्षा विमर्श में शिक्षा शास्त्री कृष्ण कुमार की खास जगह है।
'मुझे ऐसा सिनेमा पसंद है जो सोचने पर मजबूर कर दे'
मूर्धन्य कलाकार मोहन अगाशे की शख्सियत के कई पहलू हैं। एक अभिनेता के बतौर उन्होंने समानांतर सिनेमा के कई प्रतिष्ठित निर्देशकों के साथ काम किया। घासीराम कोतवाल (1972) नाटक में अपनी भूमिका के लिए वे खास तौर से जाने जाते हैं। वे मनोचिकित्सक भी हैं। मानसिक स्वास्थ्य पर उन्होंने कई फिल्में बनाई हैं। वे भारतीय फिल्म और टेलिविजन संस्थान (एफटीआइआइ) के निदेशक भी रह चुके हैं। उनके जीवन और काम के बारे में हाल ही में अरविंद दास ने उनसे बातचीत की। संपादित अंशः
एक शांत, समभाव, संकल्पबद्ध कारोबारी
कारोबारी दायरे के भीतर उन्हें विनम्र और संकोची व्यक्ति के रूप में जाना जाता था, जो धनबल का प्रदर्शन करने में दिलचस्पी नहीं रखता और पशु प्रेमी था
विरासत बन गई कोलकाता की ट्राम
दुनिया की सबसे पुरानी सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में एक कोलकाता की ट्राम अब केवल सैलानियों के लिए चला करेगी
पाकिस्तानी गर्दिश
कभी क्रिकेट की बड़ी ताकत के चर्चित टीम की दुर्दशा से वहां खेल के वजूद पर ही संकट
नशे का नया ठिकाना
कीटनाशक के नाम पर नशीली दवा बनाने वाले कारखाने का भंडाफोड़
'करता कोई और है, नाम किसी और का लगता है'
मुंबई पर 2011 में हुए हमले के बाद पकड़े गए अजमल कसाब के खिलाफ सरकारी वकील रहे उज्ज्वल निकम 1993 के मुंबई बम धमाकों, गुलशन कुमार हत्याकांड और प्रमोद महाजन की हत्या जैसे हाइ-प्रोफाइल मामलों से जुड़े रहे हैं। कसाब के केस में बिरयानी पर दिए अपने एक विवादास्पद बयान से वे राष्ट्रीय सुर्खियों में आए थे। उन्होंने 2024 में भाजपा के टिकट पर उत्तर-मध्य मुंबई से लोकसभा चुनाव लड़ा और हार गए। लॉरेंस बिश्नोई के उदय और मुंबई के अंडरवर्ल्ड पर आउटलुक के लिए राजीव नयन चतुर्वेदी ने उनसे बातचीत की। संपादित अंश:
मायानगरी की सियासत में जरायम के नए चेहरे
मायापुरी में अपराध भी फिल्मी अंदाज में होते हैं, बस एक हत्या, और बी दशकों की कई जुर्म कथाओं पर चर्चा का बाजार गरम