इस 26 अप्रैल को धूप खिली हुई थी। नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला दक्षिण कश्मीर संसदीय क्षेत्र के पार्टी उम्मीदवार मियां अल्ताफ के साथ नवाई सुब्ह में पार्टी दफ्तर पहुंचते हैं। अल्ताफ के चेहरे पर हमेशा की तरह हल्की मुस्कान है, जबकि उमर गंभीर हैं। वहां इंतजार कर रहे मीडिया वालों से बातचीत में उमर ने ताकीद की कि चुनाव आयोग दक्षिण कश्मीर सीट, जिसे अनंतनाग-राजौरी निर्वाचन क्षेत्र भी कहा जाता है, में वोटिंग की तारीखें न बदले। बगल में बैठे मियां अल्ताफ के साथ उमर कहते हैं, ‘‘हम ऐसी अफवाहें सुन रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगी मुगल रोड के हालात का हवाला देकर ऐसी साजिश रच रहे हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने चुनाव आयोग को ऐसे किसी फैसले के खिलाफ चेताया है। सभी पार्टियां इससे सहमत नहीं हैं।’’ इस सीट पर तीसरे चरण में 7 मई को वोटिंग तय थी। उमर की नाराजगी की वजह यह थी कि चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से मुगल रोड़, मौसम और किसी तरह की रुकावट के बारे में विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। यह सड़क कश्मीर घाटी को जम्मू के राजौरी पुंछ इलाकों से जोड़ती है।
चुनाव आयोग ने रिपोर्ट कुछ राजनैतिक दलों और तीन निर्दलीय उम्मीदवारों की वोटिंग की तारीख को लेकर जाहिर की गई चिंताओं के मद्देनजर तलब किया था। उन्होंने कश्मीर घाटी और जम्मू के पुंछ जिले के बीच 84 किमी लंबी मुगल रोड पर बर्फबारी और भारी बारिश तथा भूस्खलन जैसी कठिनाइयों की ओर इशारा किया था। निर्दलीय उम्मीदवारों और चुनाव न लड़ने वाले दो दलों भाजपा के अध्यक्ष रविंदर रैना और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) नेता इमरान रजा अंसारी ने यह शिकायत की थी।
आखिर 30 अप्रैल को चुनाव आयोग ने उनकी मांग मान ली और अनंतनाग-राजौरी लोकसभा क्षेत्र के लिए मतदान की तारीख को 7 मई से बदलकर मतदान के छठे चरण 25 मई में कर दी।
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