जब टेस्ला के सीईओ एलॉन मस्क 2019 में अत्याधुनिक साइबर ट्रक के साथ दुनिया के सामने आए, तो ऑटो उद्योग में एक नए युग की शुरुआत हुई। इस एक कदम ने ऑटोमोटिव जगत का ध्यान यात्री इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने की संभावना की ओर आकर्षित किया। उस समय तक, ईवी को मुख्य रूप से परिवहन के सार्वजनिक साधनों के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। जैसे-जैसे नीतियां पर्यावरण अनुकूल होती गईं, दुनिया भर के प्रमुख वाहन निर्माताओं ने संकेत दिया कि वे 2030 तक ईवी या हाइब्रिड वाहनों का ही निर्माण करेंगे।
भारत में ईवी का सफर रेवा के साथ शुरू हुआ, जिसे 2001 में लॉन्च किया गया था। नौ साल बाद ऑटो दिग्गज महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (एमएंडएम) के अधिग्रहण और कुछ साल बाद एक नए लॉन्च के बाद भी ईवी को लेकर सार्वजनिक प्रतिक्रिया धीमी ही रही। लेकिन अब चीजें बहुत बदल गई हैं। लोगों की ईवी सेगमेंट में दिलचस्पी बढ़ी है। भारत की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी टाटा मोटर्स ने ईवी उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि की है, जिसमें एसयूवी, सेडान और छोटे मॉडल को ईवी के रूप में लॉन्च किया गया है। टाटा के मौजूदा ईवी मॉडल नेक्सॉन, पंच, टियागो, टिगोर लाइन-अप में हैं।
हालांकि कुछ अन्य वाहन निर्माता हाल में ईवी बनाने में जुट गए हैं, लेकिन उनमें से ज्यादातर की कीमत अधिक है। हुंडई ने आईओएनआईक्यू 5 की कीमत 45.95 लाख रुपये, एक्स-शोरूम मुंबई और कोना की कीमत 25.30 लाख रुपये (एक्स-शोरूम इंडिया) रखी गई है। वाहन निर्माता कंपनी किआ मोटर्स की ईवी 6 की मुंबई में एक्स-शोरूम कीमत 60.95 लाख रुपये से अधिक है। एमजी मोटर्स के दो मॉडल हैं, एमजी कॉमेट और एमजी जेडएस ईवी, जिनकी कीमत बेस वर्जन के लिए 6.98 लाख और 18.98 लाख (एक्स-शोरूम, मुंबई में कीमत) है।
महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के पास एक ईवी मॉडल, एक्सयूवी 400 है, जिसकी कीमत 15.49 लाख रुपये, (एक्स-शोरूम मुंबई) से अधिक है। उनकी इस साल कुछ और भी गाड़ियां लॉन्च करने की योजना है। भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी साल के अंत तक 20 लाख और उससे अधिक कीमत वाली ईवी सेगमेंट में कुछ लॉन्च करने की योजना बना रही है।
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